हरदोई। जिले के एक घर में खाना बनाते समय चूल्हे से निकली चिंगारी से पूरे गांव को अपनी चपेट में ले लिया। घर में आग फैलती देख मां कमरे में सो रहे अपने बच्चों को बचाने भागी। किसी तरह से उसने अपने दो बच्चों को बाहर निकाला,लेकिन छोटा बेटा आग में फंस गया। मां ने आग में कूदकर बच्चे को बचाने की कोशिश की,लेकिन तब तक वो मर चुका था। वहीं आग ने की लपटो ने तीन दर्जन से अधिक घरों को अपनी आगोश में ले लिया। आग की सूचना देने के बाद भी फायर ब्रिगेड मौके पर नहीं पहुंची। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
घर में सो रहे थे बच्चे
मामला ग्राम छोछपुर के मजरा अंधैया का है। यहां के निवासी कमलेश की पत्नी दोपहर में छप्पर के नीचे चूल्हे पर खाना बना रही थी। तभी चूल्हे से निकली चिंगारी से छप्पर में आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। कमरे के अंदर तीन उसके बच्चे भोला, नवनीत व पवन सो रहे थे। किसी तरह से उसने नवनीत और पवन को आग से बाहर निकाला। वहीं छह साल का भोला अंदर फंसा रह गया।
मां-मां चीखता रहा भोला
आग में घिरे भोला मां-मां की आवाज लगाकर चीखता रहा। भोला को बचाने के लिए वो आग में कूदी, लेकिन उसे तब तक उसकी आवाज हमेशा के लिए खामोश हो चुकी थी। बच्चे को बचाने में वो भी बुरी तरह से झुलस गई।
आसपास के तीन दर्जन घर जले
ग्रामीणों ने आग की सूचना फायर ब्रिगेड को दी, लेकिन वो मौके पर नहीं पहुंची। देखते ही देखते आग ने तीन दर्जन घरों को अपनी चपेट में लिया। आग में कमलेश की एक गाय की मौत हो गई तथा भैंस गंभीर रूप से झुलस गई। इसके अलावा गया प्रसाद, हीरालाल की आटा चक्की, कारखाना जल गया। रामनरेश, रहीश, अनिल, रामसेवक, सत्यराम, कल्लू, हरीराम, दीनदयाल, पिंटू, दशरथ ब्रजलाल समेत तीन दर्जन से अधिक लोगों की गृहस्थी जलकर राख हो गई।
ढ़ाई घंटे बाद भी नहीं पहुंची फायर ब्रिगेड
आग की सूचना के ढाई घंटे के बाद भी फायर ब्रिगेड व एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। परिवारजनों ने आग से झुलसी मां और दोनों बच्चों को सीएचसी पर भर्ती कराया। अग्निकांड में लगभग तीस लाख से ज्यादा नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है। घटना के करीब चार घंटे बाद घटनास्थल पर पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तहसीलदार मूसाराम थारू ने अग्निकांड का जायजा लिया।
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