लखनऊ। कैंसर जैसी बीमारी मरीज को कई तरह की शारीरिक और मानसिक परेशानियां लेकर आती हैं। इलाज भी बहुत तकलीफदायक होता है। हाल ही में सर्जरी के क्षेत्र में जो नए शोध हुए हैं उनके नतीजे मरीजों के लिए राहत लेकर आए हैं। लिवर में हुई कैंसर की गाठों को अब माइक्रोवेव एब्लेशन से निकाला जा सकता है जिसमें चीर फाड़ की जरूरत नहीं होती है।
नई दिल्ली स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल के है इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. प्रदीप मुले का कहना है कि लिवर की गाठों को निकालने के लिए सर्जरी सबसे बेहतर विकल्प मानी जाती है। लेकिन जिन मरीजों को लियर में कैंसर की गाठों की प्रारंभिक अवस्था है उन्हें निकालने के लिए सर्जरी विकल्प नहीं है। कैंसर की इन गाठों को इस रोग की पांचवीं सबसे आम समस्या माना जाता है। सारी दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों का तीसरा सबसे बड़ा कारण माना जाता है।
70 प्रतिशत लिवर कैंसर के रोगियों के लिए सर्जरी सर्वश्रेष्ठ विकल्प नहीं माना जाता है। यदि गाठ़ें बढ़ी हुई हैं तो उन्हें निकालना और मुश्किल और सर्जरी अधिक जटिल हो जाती है। गठानों के आसपास की रक्त नलिकाएं और अन्य अवयव भी इस रोग की चपेट में आ जाते हैं। यदि गाठें अधिक छोटी हो तो सर्जरी और भी मुश्किल और खतरनाक विकल्प माना जाता है।
डॉ. प्रदीप मुले के अनुसार यदि लिवर की गाठों की संख्या कम हो और उनका आकार भी छोटा हो, साथ ही कैंसर आसपास की खून की नलियों तक नहीं फैला हो तो मरीज की आसानी से लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी की जा सकती है। लिवर ट्रांसप्लांट भी आसान सर्जरी में शामिल नहीं की जाती हैं। यह एक जटिल सर्जरी है जिसमें मरीज को कोई राहत नहीं मिलती है।
इन परिस्थितियों में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट के पास माइक्रोवेव एक्लेशन जैसी मिनिमली इनवेसिव सर्जरी को आधुनिक तकनीक उपलब्ध होती हैं जो न केवल मरीज को राहत देती है बल्कि गाठें निकालने में अनावश्यक चीर-फाड़ से भी बचा ले जाती है।
No comments:
Post a Comment