नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में लगातार तीसरी बार कटौती की। इससे पहले रिजर्व बैंक 2 बार में 0.5 फीसदी रेपो रेट घटा चुका है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाकर 5.75 फीसदी कर दिया है।
मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के सभी 6 सदस्य रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती के पक्ष में वोट दिया। रिजर्व बैंक ने अपना मत न्यूट्रल से बदलकर एकोमोडेटिव कर दिया है। रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2020 के लिए 7 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया है। रिजर्व बैंक ने विकास दर का अनुमान 0.2 फीसदी घटा दिया है।
रिजर्व बैंक को लगता है कि मॉनसून सामान्य रहेगा। महंगाई का लक्ष्य रिजर्व बैंक ने 3 से 3.1 फीसदी रखा है। वहीं 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए बैंक ने महंगाई का लक्ष्य 3.4 फीसदी से 3.7 फीसदी रखा है।
अभी रेपो रेट 6 फीसदी था। वहीं रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी है। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट 6.25 फीसदी है और बैंक रेट 6.25 फीसदी है। फिलहाल सीआरआर 4 फीसदी है और एसएलआर 19 फीसदी है।अधिकतर जानकारों को रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की उम्मीद थी। भारत में चौथी तिमाही में जीडीपी की दर 6.3 फीसदी से घटकर 5.8 फीसदी हो गई है। वहीं महंगाई दर अप्रैल में 2.9 फीसदी रही। ये रिजर्व बैंक की उम्मीद के मुताबिक ही है।
रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 3 जून को शुरू हुई थी। 5 जून को ईद की छुट्टी होने के कारण रिजर्व बैंक ने आज पॉलिसी का एलान किया। रेपो रेट घटने से आपकी होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन और दूसरे लोन की ईएमआई घटने की उम्मीद बढ़ गई है।
रिजर्व बैंक की कटौती के बाद अगर बैंक दरों में कटौती करेंगे तो ही आपकी ईएमआई घटेगी। रेपो रेट वो दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक से बैंक कर्ज लेते हैं। बैंक आपकी लोन की दर एमसीएलआर और रेपो रेट से तय करते हैं।
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