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Sunday 29 October 2017

अगले गणतंत्र दिवस की परेड में पहली बार शामिल होंगे एकसाथ कई देशों के प्रमुख

नई दिल्ली। अगले साल का गणतंत्र दिवस कई मामलों में खास होगा। अपनी ऐक्ट ईस्ट की पॉलिसी को आगे बढ़ाते हुए भारत ने 26 जनवरी पर पूर्व-एशियाई देशों के प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित किया है।
अगर ऐसा हो जाता है तो भारत के गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्रियों की परेड जैसा नजारा होगा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक वियतनाम और सिंगापुर के प्रधानमंत्रियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत करने की हामी भर दी है और मलयेशिया के पीएम के शामिल होने की संभावनाएं पूरी हैं।
पहले हुआ है दो बार
भारत अभी अन्य आसियान देशों के नेताओं से बातचीत के दौर में है और आने वाले हफ्तों में उनके शामिल होने को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी। यह पहली बार होगा कि गणतंत्र दिवस की परेड में कई देशों के प्रमुख मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। इससे पहला ऐसा केवल दो बार ही हुआ है कि परेड में एक से ज्यादा अतिथि आमंत्रित किए गए हों।
1968 में युगोस्लाविया के राष्ट्रपति जोसिप ब्रोज टीटो और सोवियत संघ प्रमुख गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि थे। 1974 में टीटो और श्री लंका के पीएम सिरिमा भंडारनायके मुख्य अतिथि थे।
ऐक्ट ईस्ट
आसियान भारत की ऐक्ट ईस्ट (पहले लुक ईस्ट) पॉलिसी का केंद्र है और आसियान के सदस्य देश सिंगापुर और वियतनाम इस नीति के स्तंभ हैं। इसी नीति को आगे बढ़ाने के मकसद से सरकार ने आसियान के सभी 10 सदस्य देशों के प्रमुखों को 26 जनवरी को होने वाली परेड के लिए आमंत्रित किया है। आसियान देशों के प्रमुख भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे, जो दोनों पक्षों के बीच रिश्तों के 25 साल पूरा होने पर आयोजित किया जा रहा है।
वियतनाम से संबंध मजबूत
पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत ने आसियान देशों के साथ सिक्यॉरिटी और डिफेंस रिश्तों को मजूबती देने पर फोकस रखा है। पीएम मोदी ने ही आसियान देशों के साथ संबंध मजबूत करने के लिए पहले की लुक ईस्ट (पूर्व की ओर देखो) नीति को ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी में बदला था। सितंबर में वियतनाम के भारत में राजदूत ने एक इंटरव्यू में कहा था कि भारत और वियतनाम के बीच संबंध रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर टिके हुए हैं। भारत ने वियतनाम को 500 मिलियन डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट देने का ऐलान किया था जिसके तहत हनोई भारत से रक्षा सामान खरीद सकता है।
क्या है आसियान (ASEAN) ?
आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) दस दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का समूह है, जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए भी काम करते हैं। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में है। इसकी स्थापना 8 अगस्त, 1967 में हुई थी। इसके सदस्य देश हैं- थाईलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलयेशिया, ब्रूनेइ, लाओस, कंबोडिया, सिंगापुर, म्यांमार और फिलीपींस
-एजेंसी

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