नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम से चल रहे बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कई हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं। दीक्षित की काली करतूतों का अड्डा सिर्फ रोहिणी के विजय विहार में ही नहीं, दिल्ली के पालम इलाके में भी है। यह खुलासा गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट के सामने उस समय हुआ, जब वहां पालम आश्रम से एक युवती को पेश किया गया। इसके साथ ही यह आशंका है कि पालम में भी आश्रम के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है।
शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते समय दिल्ली हाई कोर्ट के जज भी आश्रम में चल रही गतिविधियों से दंग नजर आए। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा, ‘हम किस युग में जी रहे हैं।’ कोर्ट ने 8 आश्रमों की जानकारी जल्द से जल्द मांगी और दीक्षित को कोर्ट में पेश करने का आदेश भी दिया। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अगर आश्रम के बारे में जानकारी नहीं दी जाएगी तो दीक्षित के खिलाफ वॉरंट जारी किया जाएगा। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि आश्रम में जांच टीम को रोका गया तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले में अब अगली सुनवाई चार जनवरी को होगी।
इस बीच विजय विहार में चल रहे आश्रम के पड़ोस में रहने वाली महिला भी सामने आईं और उन्होंने कहा कि बीते 20-22 साल में इस आश्रम को लेकर कई बार पुलिस से शिकायतें की गईं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मीडिया तक बात पहुंचाने के लिए मुझे धमकियां भी मिलीं लेकिन मैं मासूम बच्चियों को बचाना चाहती थी।
उधर, पालम में एक और ‘सेक्स जेल’ के खुलासे के साथ ही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मांग कि आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के जितने भी आश्रम दिल्ली में चल रहे हैं, उन सभी का न केवल पता लगाया जाए, बल्कि उनके खिलाफ होने वाली कार्यवाही में दिल्ली महिला आयोग की टीम को भी शामिल किया जाए। स्वाति ने यह बात दिल्ली हाई कोर्ट के सामने भी रखी और कोर्ट ने वीरेंद्र देव दीक्षित के सभी आश्रमों की चेकिंग के निर्देश जारी कर दिए हैं। ऐसा मालूम चला है कि बाबा के 8 और आश्रम चल रहे हैं।
स्वाति मालीवाल ने आज सुबह हुई बातचीत में कहा कि यह बेहद गंभीर मसला है। आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर महिलाओं के शोषण का जाल देश के विभिन्न हिस्सों में फैला हो सकता है। दिल्ली में ही इनके कई ठिकाने होने की आशंका है। चूंकि यह मामला सीधे तौर पर महिलाओं व युवतियों से जुड़ा है, इसलिए दिल्ली महिला आयोग इसकी जांच में खुद सक्रिय तौर पर शामिल होना चाहता है।
उन्होंने कहा, ‘हमारा मकसद है कि जो भी लड़कियां बालिग या नाबालिग इस कथित विश्वविद्यालय के आश्रमों में रह रही हैं, उन सभी की काउंसलिंग की जाए, जिससे कि वे अपनी असल दुनिया को जान सकें। वे यह बता सकें कि आश्रम में उनके साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता रहा है। उन्हें किस चीज के बारे में पढ़ाया जाता था।’
यह कैसा सम्मोहन है!
स्वाति का कहना है कि विजय विहार में जब उनकी टीम और दिल्ली पुलिस की टीम पहुंची तो वहां का हाल देखकर सभी बेहद सहम गए। वहां लड़कियों को बेहद बुरे हाल में रखा गया था। सबसे ज्यादा चिंता करने वाली बात यह है कि सभी लड़कियां किसी के प्रभाव में हैं। अगर सरल भाषा में बोलें तो शायद वशीकरण के अधीन हैं या उनका इस तरह से ब्रेन वॉश किया गया है कि वे अभी तक यह नहीं बता पा रही हैं कि उनके मां-बाप कहां रहते हैं।
-एजेंसी
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