आखिर व्यय धनराशि पर ऑडिट क्यों नहीं करते अधिकारी?
हरदोई -16जनवरी विकासखंड अहिरोरी के अंतर्गत ग्राम पंचायत बक्सापुर में ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा शौचालय मरम्मत व नल रिबोर के नाम पर लाखों की हेराफेरी कर प्रधान के बीच बंदरबांट किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। शिकायत की भनक पर ग्राम पंचायत अधिकारी रजनीश वर्मा द्वारा शौचालय की मरम्मत अब कराए जाने को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। जबकि वर्ष 2015 से दिसंबर 2017 तक संपादित कराए गए कथित कार्यों का पैसा पहले ही निकाला जा चुका है। विश्वसनीय साक्ष्यों के आधार पर, अहिरोरी विकासखंड के ग्रामसभा बक्सापुर में ग्राम पंचायत अधिकारी रजनीश वर्मा द्वारा शौचालय मरम्मत व नल रिबोर के नाम पर किए गए मदों को ध्यानपूर्वक देखा जाए तो यह मामला अपने आप में ही हेराफेरी करने का मामला बनता है। मालूम हो कि वर्ष 2015 से 2 दिसंबर 2017 तक इंडिया मार्क हैंड पंप पर नल रिबोर पर व्यय धनराशि 29 हजार 950 रु ,स्ट्रीट लाइट स्थापन में दो लाख 8 हजार रुपए, प्रधान के मानदेय पर खर्च राशि 22 हज़ार 500 रु, प्रशासनिक व निर्वाचन के समय लाइट व्यवस्था करने हेतु 14 हज़ार 387 रुपए दिखाया गया है। वही प्राइमरी पाठशाला बक्सापुर के शौचालय मरम्मत हेतु 34 हज़ार 632 रुपए, इंडिया मार्का हैंडपंप के मरम्मत हेतु 29 हजार 875 रुपए, इंडिया मार्का हैंड पंप रिबोर हेतु धनराशि 53 हजार रुपए दर्शाई गई है। वही प्राइमरी पाठशाला दौलतपुर में शौचालय मरम्मत हेतु 32 हजार 770 रुपए व्यय होना दर्शाया गया है। महत्वपूर्ण हो कि नल रिबोर और शौचालय मरम्मत के नाम पर इतनी सारी धनराशि पहले ही निकालकर बंदरबांट कर ली गई किंतु शौचालयों की दशा जस की तस रही। शिकायत की आशंका होते ही रजनीश वर्मा द्वारा मरम्मत का कार्य अब कराया जा रहा है। जिसके साक्ष्य मौजूद हैं ।वही वर्ष 2015 से लेकर अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना में 8 आवास ही स्वीकृत किए गए हैं ।इनमें शांति पत्नी रघुनंदन, गंगाराम पुत्र सूखा, रानी पत्नी अर्जुन, लंका लमनु पुत्र भभूति ,छबीली पत्नी शहजादे, रामसखी पत्नी रामअवतार, माया पत्नी नेपाल, शिव पति पत्नी शिवलाल आदि को आवंटित किए गए थे। महत्वपूर्ण हो कि शौचालय मरम्मत और नल रिबोर के नाम पर इन पैसों को पूर्व में ही निकाला जा चुका है और प्रधान तथा रजनीश वर्मा द्वारा पैसों का बंदरबांट किया गया है। जब इसकी सूचना साक्ष्यों सहित सहित ली गई तो इसकी भनक लगते ही ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा शौचालयों के मरम्मत की खानापूर्ति की जा रही है। ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा दूरभाष पर संपर्क करने पर वह इसका माकूल जवाब नहीं दे सके।कहा, शौचालय खराब हो गए तो उसका टिप टॉप करवाया जा रहा है/प्रश्न यह उठता है कि यदि जिम्मेदार अधिकारी इन व्यय किए गए मदों का ऑडिट भौतिक सत्यापन करा लिया जाए तो इनकी कारगुजारी सामने आ सकती है इसके पहले भी इन पर आरोप लग चुके हैं किंतु खाओ कम आयु नीति के कारण अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है।
No comments:
Post a Comment