एफसीआई से निकलते ही शुरू हो जाता है चावल का काला कारोबार
हरदोई – 18 फरवरी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एनएफएस के तहत कालाबाजारी में पकड़े गए पांच हजार कुंतल चावल के मामले में जिला पूर्ति अधिकारी सुनील ने यूपीएसएफसी के परिवहन एवं हैंडलिंग ठेकेदार उनके मां,बाप दो भाई समेत कई लोगों के विरुद्ध देहात कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई है।टीम ने जांच पड़ताल के बाद दर्ज कराई एफआइआर में कहा है कि एनएफएसए के खाद्यान्न को एफसीआइ से 15 फरवरी को जारी हुए डिस्पैच के अनुसार यूपीएसएफसी के ब्लाक गोदामों पर जाना चाहिए था। जबकि नयागांव स्थिति पशुपतिनाथ एग्रो फूड प्रोडक्ट एवं पशुपतिनाथ एग्रो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को कालाबाजारी कर लाया गया। जांच में खुलासा हुआ कि यूपीएसएफसी के ब्लाक गोदाम तक पहुंचाने के लिए परिवहन एवं हैंडलिंग का ठेका कैनाल रोड निवासी राजीव गुप्ता की फर्म आरके एसोसिएट और अमित गुप्ता की फर्म हरदोई निर्माण सहकारी श्रम संविदा समिति के नाम पर है। यूपीएसएफसी की ओर से जारी रिलीज आर्डर एवं डिस्पैच के अनुसार 15 फरवरी को जो ट्रक एफसीआइ हरदोई संडीला एवं पिहानी से यूपीएसएफसी के ब्लाक गोदाम भरावन, हरियावां, पाली, अहिरोरी एवं टोडरपुर के लिए खाद्यान्न लेकर रवाना हुए थे ,वह ट्रक उन गोदामों पर न जाकर परिवहन एवं हैंडलिंग ठेकेदार स्वयं के राइस मिल में लेकर आए हैं। संडीला एफसीआइ से दो -दो बार चावल दोपहर में निकाला गया है। वहीं मिल परिसर में कई राइस मिल के टैग भी मिले हैं। साइड की सिलाई खोलकर करीब 550 कुंतल चावल निकाला गया है।
एक परिसर में चलती दो.दो फर्म चलती मिली ।कालाबाजारी कर लाए गए चावल की बरामदगी के मामले में एक नया खुलासा हुआ है। नयागांव स्थिति पशुपातिनाथ एग्रो फूड प्रोडक्ट परिसर में जांच पड़ताल में सामने आया कि इसी परिसर से पशुपतिनाथ एग्रो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को भी संचालित किया जा रहा है। जबकि मिल मुख्य गेट पर किसी भी फर्म का नाम ही अंकित नहीं मिला। दोनों ही फर्म के शहर कोतवाली के कैनाल रोड निवासी शैलेंद्र कुमार गुप्ता एवं उनकी पत्नी छुटकुन्ना एवं पुत्र संचालक हैंए जो यूपीएसएफसी में परिवहन एवं हैंडलिंग ठेकेदार भी हैं।
राइस मिल में 30 कुंतल गेहूं भी मिला। चावल की कालाबाजारी एवं बरामदगी के मामले में शुक्रवार को जांच करने पहुंची टीम को नयागांव स्थित पशुपतिनाथ फूड प्राडक्ट परिसर में करीब 30 कुंतल गेहूं भी बरामद हुआ है। वहीं बोरी सिलने वाली दो मशीन भी पाई गई हैं। खाली बोरी एवं विभिन्न राइस मिल के टैग मिलने से संभवाना जाहिर की जा रही है कि एनएफएसए के चावल को रीसाइक्लिंग कर कस्टम मिल राइस के तहत पुनः भारतीय खाद्य निगम भी भंडारित कराते हुए मूल्य समर्थन योजना के तहत होने वाली धान खरीद में जुड़वाकर दूसरी ओर से भी लाभ लिया जा रहा था।एफसीआइ से निकलते ही चावल का काला कारोबार शुरू हो जाता है।
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