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Monday 19 February 2018

हरदोई-एसएफसी लखनऊ ने राशन घोटाले व ठेका पंजीयन सम्बन्धी फाइल की तलब

पंजीयन समिति के 05 में 02 सदस्यों के दस्तख़त ही नहीं कराए एसएफसी के लोकल के जिम्मेदारों ने
हरदोई।19फरवरी ट्रान्सपोर्ट हैण्डलर्स, राइस मिल मालिकान, ट्रक मालिकान व ड्राइवर्स पर एफआईआर, लेकिन गड़बड़झाले में शामिल अफ़सरों पर कार्यवाही कब आवश्यक वस्तु निगम के ट्रान्सपोर्ट हैण्डलिंग के कॉन्ट्रेक्ट नियमों के परे दिए जाने के खुलासे के बाद लखनऊ रोड स्थित राइस मिल पशुपति नाथ फ़ूड प्रोडक्ट्स (प्रा0) लिमिटेड में हुई रेड में 52 हजार से ज़्यादा सरकारी गेहूं/चावल की बोरियां डम्प मिली थीं। मामले में ट्रान्सपोर्ट हैण्डलिंग के 10 ठेके निरस्त होने के साथ मिल मालिक शैलेन्द्र गुप्ता, मिल में पार्टनर उनकी पत्नी छोटकन्ना (मोहलिया शिवपार की प्रधान), उनके बेटों प्रदीप गुप्ता व राजीव गुप्ता के अलावा एसएफसी के ट्रान्सपोर्ट हैण्डलर अमित गुप्ता, पकड़े गए ट्रकों के मालिकान व चालकों के ख़िलाफ़ कोतवाली देहात में प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है।एसएफसी के ट्रान्सपोर्ट हैण्डलिंग के ठेके देने के नियमों के तहत पंजीकृत फर्म या व्यक्ति आढ़ती, मण्डी समिति में व्यापारी, व्यापार कर विभाग के खाद्यान्न/चीनी के लाइसेंसी, सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेता, चीनी/ मिट्टी तेल विक्रेता, राइस मिल मालिक, उनके परिवारी या निकट सम्बन्धी पाए गए तो पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगा। हरदोई में एसएफसी के ट्रान्सपोर्ट हैण्डलिंग के कॉन्ट्रेक्ट देने में उपरोक्त नियम ताख पर टांग दिए गए, यह साफ़ हो चुका है। उस आधार पर पर 02 ट्रान्सपोर्ट हैण्डलर, 01 राइस मिल मालिक और उसके 02 पार्टनर सहित कई पर एफआईआर दर्ज होने की कार्यवाही भी हो चुकी है। लेकिन, ट्रान्सपोर्ट हैण्डलिंग के कॉन्ट्रेक्ट देने के नियमों में एक पेंच और खुला है, जो एसएफसी के अफ़सरों को कठघरे में ला रहा है। दरअसल, आवश्यक वस्तु निगम (लखनऊ) के प्रबन्ध निदेशक ने 04 जून 2016 को पत्र भेज कर पंजीयन समिति द्वारा ट्रान्सपोर्ट हैण्डलिंग के पंजीकरण नियमानुसार होने का प्रमाण पत्र मांगा था। एसएफसी के तत्कालीन जिम्मेदारों ने इसमें खेल कर दिया। एमडी को भेजे प्रमाण पत्र पर पंजीयन समिति के सदस्यों में प्रभारी लेखा, जिला प्रभारी और जिला पूर्ति अधिकारी के हस्ताक्षर ही कराए गए। 02 अन्य सदस्यों जिला खाद्य विपणन अधिकारी और उप सम्भागीय परिवहन अधिकारी के दस्तख़त नहीं कराए गए, जो नियम विरुद्ध है। इन दोनों के हस्ताक्षर प्रमाण पत्र पर कराया जाना ज़रूरी था। एसएफसी के ट्रान्सपोर्ट हैण्डलिंग के ठेके दिए जाने में खेल की जांच में जिला खाद्य विपणन अधिकारी संतोष कुमार द्विवेदी ने सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपी अपनी रिपोर्ट में उपरोक्त तथ्य का खुलासा किया है। खुलासे की पुष्टि में द्विवेदी ने एसएफसी के जिला प्रबन्धक कार्यालय से 10 जनवरी को मिले पत्र का हवाला दिया है। अब सवाल यही है कि ट्रान्सपोर्ट हैण्डलिंग के ठेके नियमानुसार होने के एसएफसी (लखनऊ) के एमडी को भेजे गए प्रमाण पत्र में खेल करने वालों पर कार्यवाही कब सुनिश्चित होगी। अलबत्ता, शिकायतकर्ता भाजयुमो जिलाध्यक्ष सन्दीप सिंह दावा करते हैं कि खेल करने वाले अफ़सरों को भी जेल भिजवा कर ही चैन से बैठेंगे।

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