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Tuesday 20 February 2018

आखिर जांच के दायरे में आ ही गए एसएफ़सी के चार गोदाम प्रभारी

हरदोई । 20 फरवरी  सरकारी राशन वितरण प्रणाली की अनियमितता में आखिर गोदाम प्रभारी जांच की जद में आ ही गए, जिन्हें जांच के दायरे से दूर रखा जा रहा था जबकि इनकी संलिप्तता जरूर है। मालूम हो कि पीडी एस का लगभग 5000 बोरी चावल राइस मिल में बरामद होने के मामले में अब तक गोदाम प्रभारियों की भूमिका को संदिग्ध माना जा रहा था, जिन्हें जांच की जद में लाकर 4 गोदाम प्रभारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। गौरतलब हो कि एस एफसी के ट्रांसपोर्टिंग और हैंडलिंग के ठेके नियम विरुद्ध देने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने लखनऊ रोड स्थित पशुपतिनाथ एग्रो फूड प्रोडक्ट राइस मिल पर छापा डलवाया था। जिसमें 5000 क्विंटल राशन का चावल बरामद हुआ था। इस मामले में जिला पूर्ति अधिकारी सुनील कुमार द्वारा मिल मालिक शैलेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी प्रधान छोटेकना, उनके पुत्र और ट्रांसपोर्टिंग और हैंडलिंग के ठेकेदार राजीव गुप्ता के अलावा प्रदीप गुप्ता व अन्य ठेकेदार अमित गुप्ता के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई थी। यहां बरामद 8 ट्रकों के चालकों और मालिकों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई थी किंतु गोदाम प्रभारियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा था। कल देर रात अहिरोरी के गोदाम प्रभारी सत्यप्रकाश, पाली के रामकुमार श्रीवास्तव, टोडरपुर के हरीश चंद्र द्विवेदी और भरावन के शिवपाल को हिरासत में ले लिया गया ,यही नहीं जिला पूर्ति अधिकारी सुनील कुमार और एसएफ़ सी के जिला प्रबंधक शत्रुघ्न सिह को भी कोतवाली बुलाकर बयान कराए गए। गोदाम प्रभारियों की भूमिका को संदेश इसलिए माना जा रहा था कि जो चावल बरामद हुआ है वह एसएफसी के गोदामों तक पहुंचना था। चावल गोदाम में पहुंचकर ऐसी राइस मिल में पहुंच गया, जिसके पार्टनर ट्रांसपोर्टिंग और हैंडलिंग के ठेकेदार राजीव गुप्ता हैं। भरावन के ट्रांसपोर्ट इंदौर हैंडलिंग के ठेकेदार अमित गुप्ता हैं लेकिन भरावन के लिए रवाना किया गया चावल भी राजीव गुप्ता की साझेदारी वाली राइस मिल में बरामद हुआ, जो राशन मिला ,वह अहिरोरी ,पाली, टोडरपुर और भरावन के गोदामों के लिए निकला था। जब राशन गोदाम पर नहीं पहुंचा तो इसकी जानकारी चारों गोदाम प्रभारियों को जिला प्रबंधक को देनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी वजह से इन सभी की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही थी।

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