मुंबई। नामी बिल्डर शाहपुरजी-पालनजी पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। डा. बाबासाहेब आंबेडकर नगर और गणेशमूर्ति बैकबे रिकलेमेशन एसआरए हाउसिंग सोसायटी की ओर से आरोप लगाया गया है कि दक्षिण मुंबई के पॉस इलाके में रहनेवाले 7 हजार झोपड़पट्टीवासियों के साथ बिल्डर ने धोखाधड़ी की है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर झोपड़ाधारकों की जमीन हड़पने की साजिश बिल्डर ने रची है। इधर शाहपुरजी-पालनजी की ओर से आरोपों को बेबुनियाद और झूठा करार दिया गया है। बिल्डर की ओर से कहा गया है कि सरकारी नीतियों के अनुसार सभी पात्र झोपड़ाधारकों को पक्का मकान दिया जाएगा। एक भी झोपड़ाधारक मकान से वंचित नहीं रहेगा।
संस्था के अध्यक्ष प्रशांत घाडगे ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि शाहपुर पालनजी बिल्डर ठगी के जरिए लोगों के बेघर करने पर तुला हुआ है। बिल्डर ने बाबासाहब के नाम का भी अपमान किया है। सरकार को नींद से जगाने के लिए 27 फरवरी को कफ परेड से ओवल मैदान स्थित बाबासाहेब आंबेडक प्रतिमा तक चिंतन रैली निकाली जाएगी। घाडगे के अनुसार एसआरए योजना के तहत शाहपुरजी-पालनजी ने झोपड़ाधारकों के पुनर्वास पर सहमति जताई थी। हालांकि झोपड़ाधारकों और बिल्डर में सहमति नहीं बन सकी। इसके बाद बिल्डर ने नकली सही और फर्जी कागजात पर व एग्रीमेंट बनाया और प्रस्ताव मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा। इस जमीन को हथियाने के लिए बिल्डर ने साजिश रचकर लोगों को बेघर करने का प्रयास किया है। हाउसिंग सोसायटी से आंबेडकर का नाम हटा दिया गया है, जिससे बाबासाहब का अपमान हुआ है। बिल्डर ने जिलाधिकारी को भी इस खेल में शामिल कर लिया है। कफ परेड जैसे इलाके की बेशकीमती जमीन हड़पने के लिए बिल्डर की ओर से खेल रचा गया है। शाहपुरजी पालनजी ने जहां-जहां इसतरह के प्रोजेक्ट किए हैं, वहां लोगों के साथ ठगी की गई है।
इधर शाहपुरजी-पालनजी के कार्यालय में संपर्क करने पर कार्यरत अधिकारियों ने घाडगे और उनके सहयोगियों के आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताया। सफाई दी गई है कि आरोपों में कोई दम नहीं है। वर्ष 2004 से एसआरए योजना लटकी पड़ी थी। शाहपुरजी-पालनजी ने सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली है और योजना को मंजूरी भी मिल गई है। सभी झोपड़ाधारकों को सरकारी नीतियों के तहत मकान दिए जाएंगे। एक भी झोपड़ाधारक मकान से वंचित नहीं रहेगा। किसी के साथ धोखाधड़ी नहीं की गई है।
दूसरी ओर कुछ स्थानीय नागिरकों ने बताया कि बिल्डर से सहमति से करार किया गया है। पुलिस की उपस्थिती में लोगों ने कैमरे के सामने करारपत्र पर हस्ताक्षर किए थे। कुल लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ भूमिया इलाके में सक्रिय हैं जो व्यक्तिगत फायदे लिए नए-बिल्डर से सांठगांठ कर सौदेबाजी करते हैं।
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