फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथी को प्रदोष काल में होलिका दहन किया जाता है। हिंदूओं का प्रमुख त्योहार है होली इस त्योहार हो सभी मिल जुल कर बड़े ही हर्षाल्लास से मनाते हैं। इस बार 1 मार्च को सुबह 8 बजकर 58 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग रही है और यह 2 मार्च को सुबह 06ः21 बजे तक रहेगी।
इसी के साथ होलिका दहन वाले दिन भद्रा भी लग रही है। सुबह 8 बजकर 58 मिनट से भद्रा प्रारंभ होगी। भद्रा पूंछ में 3:54 से 4:58 बजे तक रहेगी, इसके बाद ये मुख में आ जाएगी और 4:58 बजे से शाम 6: 45 बजे तक ये मुख में रहेगी और यह 7 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी।
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इस बार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 16 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा लेकिन अधिकतर जगहों पर भद्रा के समाप्त होने पर होलिका दहन किया जाएगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार होलिका दहन या पूजन भद्रा के मुख को त्याग करके करना शुभफलदायक होता है।
वहीं होलिका दहन के बाद इसकी राख को घर के चारों ओर और दरवाजे पर छिड़कना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्तियों का घर में प्रवेश नहीं होता है। माना जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है।
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