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Sunday 18 February 2018

PNB फ्रॉड: सीबीआई बोली- बैंक अफसरों ने लिया था कमीशन जानें, पूरा मामला.. मुख्य आरोपी कौन?

नई दिल्ली। सीबीआई ने अफसरों से पूछताछ के बाद खुलासे में बताया कि पीएनबी फ्रॉड मामले में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) जारी करने के लिए अफसरों को कमीशन दिया गया। 11,356 करोड़ के फ्रॉड केस में शनिवार को पीएनबी के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी समेत 3 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड केस में एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने रविवार को 15 शहरों के 45 अलग-अलग ठिकानों में छापे मारे। इनमें गीतांजली और नक्षत्र के कोलकाता स्थित 6 शोरूम भी शामिल हैं।

ईडी और सीबीआई दोषियों को पकड़ने और सबूत जुटाने के लिए लगातार छापे मार रही है। इन पर हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीताजंलि ग्रुप के मालिक मेहुल चौकसी को बगैर बैंक गारंटी लोन देने का आरोप है।

सीबीआई के हवाले से जांच के दौरान गिरफ्तार अफसरों ने नीरव मोदी और उसके सहयोगियों को जारी किए गए हर एलओयू के बारे में बताया। इसमें हर लोन पर कमीशन निश्चित किया गया था। सीबीआई के मुताबिक, फ्रॉड में पीएनबी के अन्य अफसर और बाहरी लोग भी हो सकते हैं। फिलहाल हम पूरे मामले की तफ्तीश कर रहे हैं।

इस पूरे मामले को प्वाइंट्स में समझें

बैंकों को 17,600 करोड़ का नुकसान
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक अफसर के हवाले से न्यूज एजेंसी ने बताया कि पीएनबी को दिए लोन्स और कॉरपोरेट गारंटी की वजह से बाकी बैंकों को कम-से-कम 2.74 बिलियन (करीब 17,600 करोड़ रुपए) का नुकसान होगा। मार्च 2017 तक अलग-अलग बैंकों ने लोन और गारंटी के तौर पर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की कंपनियों को इतनी ही रकम दी।

सीबीआई ने किन्हें अरेस्ट किया?
सीबीआई ने डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, बैंक के सिंगल विंडो ऑपरेटर मनोज खरात और नीरव मोदी फर्म के ऑथराइज्ड सिग्नेटरी हेमंत भट्ट को गिरफ्त में लिया है। इन्हें मुंबई के अलग-अलग इलाकों से अरेस्ट किया गया।

एफआईआर में दिए शेट्टी के पते के मुताबिक वह मुंबई के बोरीवली में रहता था। मीडिया में इनके तीन से ज्यादा घर होने की बात सामने आ रही है। शेट्टी पिछले साल मई में बैंक से डिप्टी मैनेजर की पोस्ट से रिटायर हुआ था। मनोज खरात के पिता हनुमंत खरात ने मीडिया को बताया कि मनोज ने 2014 में क्लर्क की पोस्ट पर पीएनबी ज्वाॅइन की थी। पिता का कहना है कि इसे बलि का बकरा बनाया जा रहा है। परिवार मुंबई के पास कर्जत में रहता है।

मार्च 2010 से बैंक के फॉरेक्स डिपार्टमेंट में काम कर रहे डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने विंडो ऑपरेटर मनोज खरात नाम के साथ मिलकर नीरव की कंपनियों को फर्जी तरीके से LoU (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) दिया। यह हेराफेरी पकड़ में न आए लिहाजा बैंक रिकॉर्ड में इसकी एंट्री भी नहीं की गई थी। बाद में इन्हीं जाली LoU के आधार पर एक्सिस और इलाहाबाद जैसे बैंकों की विदेशी शाखाओं ने बैंक को डॉलर में लोन दिए थे।

इन लोन का इस्तेमाल बैंक के NOSTRO अकाउंट्स की फंडिंग के लिए किया गया था। इन अकाउंट्स से फंड को विदेश में कुछ फर्मों के पास भेजा गया जो नीरव मोदी की कंपनी से ताल्लुक रखती थीं। बता दें कि LoU ये पुराने समय की हुंडी की तरह है जिसके जरिए गारंटी लेकर क्लाइंट को दूसरी जगहों पर बड़ी रकम हासिल करने की सुविधा दी जाती थी।

सीबीआई ने ये गिरफ्तारियां नीरव मोदी उसकी कंपनियों और उसके मामा मेहुल चौकसी के खिलाफ 31 जनवरी को दर्ज हुई एफआईआर के आधार पर कीं। एफआईआर में 280 करोड़ रुपए के आठ फर्जी लेन-देन का जिक्र है, लेकिन बैंक की शिकायतों के आधार पर अब सीबीआई कह रही है यह लेनदेन 6498 करोड़ का है जिसकी वह जांच कर रही है। इसके लिए शेट्टी और खरात ने 150 LoU जारी किए थे। इसके अलावा 4886 करोड़ के 150 LoU गीतांजलि ग्रुप की कंपनियों के लिए जारी किए गए थे।

सीबीआई ने इस बारे में मेहुल चौकसी और उसकी कंपनियों- गीतांजलि जेम्स नक्षत्र ब्रांड और गिली के खिलाफ दूसरी एफआईआर शुक्रवार को दर्ज की थी। बैंक अफसरों ने ये सभी LoU 2017-18 में जारी या रिन्यू किए थे।

पूरा मामला क्या है?
पंजाब नेशनल बैंक ने पिछले दिनों सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले के जानकारी दी थी। घोटाले को पीएनबी की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में अंजाम दिया गया। शुरुआत 2011 से हुई। 7 साल में हजारों करोड़ की रकम फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग्स (LoUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई।

घोटाले के मुख्य आरोपी कौन हैं?
हीरा कारोबारी नीरव मोदी और गीतांजलि ग्रुप्स के मालिक मेहुल चौकसी। इन दोनों ने गोकुलनाथ शेट्टी के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया।

अब तक क्या कार्रवाई हुई?
नीरव मोदी और मेहुल के पासपोर्ट सस्पेंड कर दिए गए हैंं। विदेश में इनके शोरूम को बंद रखने के लिए कहा है। ईडी ने नीरव और मेहुल को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 23 फरवरी को तलब किया है। नोटिस कंपनी डायरेक्टरों को दिए गए। भारतीज जांच एजेंसियों ने नीरव और परिवार का पता लगाने के लिए इंटरपोल से भी मदद मांगी है। क्योंकि नीरव और उसका भाई निशाल 1 जनवरी को भारत छोड़कर चले गए थे। मेहुल 4 जनवरी को गया था। इनके विदेशी अकाउंट्स भी बंद करने की कोशिश जांच एजेंसियां कर रही हैं।

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