लखनऊ। समाजवादी पार्टी का कहना है कि सरकारी आंकड़ां के अनुसार वर्ष 2014 से 2018 के बीच 26,500 युवा बेरोजगारों ने आत्महत्या कर ली। नौजवानों का इतनी बड़ी संख्या में मौत को गले लगाना आजाद भारत के लोकतंत्र पर शर्मनाक दाग है। भाजपा सरकार इसके दोष से बच नहीं सकती है। सपा ने कहा है कि भाजपा की कुनीतियों के चलते ही देश की युवा पीढ़ी अंधेरे के गर्त में जा रही है। यह घोर निराशा जनक स्थिति है कि बिना किसी उपयोगी अवसर को प्रदान किये युवा पीढ़ी का समय बर्बाद किया जा रहा है। देश में 60 प्रतिशत से अधिक आबादी नौजवानों की है जिनको राष्ट्र निर्माण की भूमिका से वंचित रखना कहां का राष्ट्रवाद है ?
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आईपीएन से बातचीत में कहा कि सन् 2014 में केन्द्र की भाजपा सरकार आने के बाद शिक्षा और रोजगार पर हमला तेजी से बढ़ा है। दो करोड़ नौकरियां प्रतिवर्ष देने का वादा करके सत्ता में आयी केन्द्र की भाजपा सरकार ने केवल नौजवानों और छात्रों को गुमराह किया है। जहां एक ओर सरकारी पदों में हो रही है वही दूसरी ओर नये अवसर सृजित नही किये जा रहे हैं।
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पीएचडी-एम फिल के कोर्स में अनुसूचित जाति/जनजाति का जो विभागीय कोटा निर्धारित था उसे समाप्त कर दिया गया है। छात्र-छात्राओं को समय से स्कालरशिप न मिलने की शिकायते हैं। उनके हॉस्टलों की दशा दयनीय है। इससे दलित-वंचित वर्ग के लिए उच्च शिक्षा के द्वार काफी हद तक बंद हो जाएगें। मंडल कमीशन की सिफारिशों को भी ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है। सरकारी भर्तियों और संविदा नियुक्तियों में आरक्षण का कोई पालन नहीं किया जा रहा है।
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