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Tuesday 3 April 2018

अमनमणि की शिकायत पर जनता दरबार से सीएम योगी ने युवक को धक्का मारकर भगाया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर एक युवक ने गंभीर आरोप लगाये हैं। जनता दरबार से बाहर आया फरियादी युवक फफक कर रो पड़ा और अपनी पीड़ा बताने लगा। बताया जा रहा है कि फरियादी गोरखपुर में  सीएम योगी के दरबार में अपनी अर्जी लेकर पहुंचा था। 
 
समस्या सुनते ही भड़के सीएम
व्यापारी आयुष सिंघल ने रोते हुए बताया कि वह लखनऊ से आये हुए थे। उन्होंने 5 साल पहले लखनऊ के चिनहट के फफनामऊ में 22.5 बीघा जमीन खरीदी थी। उस पर पूर्व बाहुबली मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के विधायक बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने अवैध कब्जा कर लिया है। साल 2012 में आयुष ने इस जमीन की रजिस्ट्री कराई थी। गोरखपुर में जनता दरबार में जब उन्होंने यह पूरा मामला सीएम योगी आदित्यनाथ को बताना शुरू किया, तो वह पीड़ित पर ही भड़क उठे। आरोप है कि सीएम योगी आदित्यनाथ आयुष की पूरी बात सुनने के बजाए फाइल फेंककर कोई कार्रवाई नहीं होने की बात कह दिए। आयुष ने इससे पहले भी सीएम से जनता दरबार में अपनी फरियाद लेकर मिल चुके हैं। सीएम ने लखनऊ एसएसपी को जांच के आदेश दिए थे, लेकिन एक महीने बाद भी केस में उचित कार्रवाई नहीं होने पर वह फिर सीएम से मिलने पहुंचे थे। आरोप है कि सीएम ने फाइलें फेंकते हुए कहा कि आवारा कहीं का तेरी कहीं सुनवाई नहीं होगी। सीएम के मुंह से ये बाद सुनकर पीड़ित काफी दुखी है।
कौन है अमनमणि त्रिपाठी
बता दें कि अमनमणि त्रिपाठी यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे और यूपी के नौतनवां विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक है। अमनमणि पर अपनी पत्नी सारा की हत्या करने का आरोप है। अमनमणि और सारा 9 जुलाई, 2015 को कार से दिल्ली आ रहे थे। फिरोजाबाद जिले सिरसागंज थाना क्षेत्र में नेशनल हाईवे नंबर-2 पर उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया था। इस हादसे में सारा की मौत हो गई थी, लेकिन अमनमणि को खरोंच तक नहीं आई थी। सारा के परिजनों ने दुर्घटना की स्थिति को देखते हुए सारा की हत्या किए जाने की आशंका जताई थी। अमनमणि के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले में पहले तो वो फरार रहे, लेकिन बाद में भारी दबाव के बीच पुलिस को गिरफ्तार करके जेल भेजना पड़ा।

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