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Tuesday 25 September 2018

20 साल बाद भी अवकाश से नहीं लौटा सिपाही, जांच शुरू

लखनऊ। राजधानी में पुलिसकर्मियों का छुट्टी घोटाला पकड़ने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस लाइन के लेखाजोखा की पड़ताल शुरू कराई है। उन्होंने सोमवार को पुलिस लाइन के विभिन्न मदों का लेखाजोखा जांचने के साथ कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी। वहीं, छुट्टी घोटाले में बाबुओं पर भी शिकंजा कसने लगा है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि 152 पुलिसकर्मियों के उपार्जित अवकाश को अभिलेख में दर्ज न करके करीब 91 लाख का घोटाला उजागर होने पर पुलिस लाइन के अन्य कार्यों के लेखाजोखा की जांच शुरू कराई गई है। प्लंबर, फर्नीचर, स्टेशनरी, गैस सिलेंडर, बिजली उपकरण व अन्य मद में खर्च की गहन छानबीन की जाएगी। इसके चलते पुलिस लाइन सभागार में सभी मदों से जुड़े कर्मचारियों की बैठक करके व्यय के बारे में सवाल किए गए। पुलिस लाइन का कार्यभार देख रहे दोनों निरीक्षकों को वर्क रजिस्टर बनाकर प्लंबर, कारपेंटर, बिजली मैकेनिक आदि कर्मचारियों के प्रतिदिन के कार्य का ब्योरा दर्ज करने और उनके कार्य के चिह्नीकरण के आदेश दिए गए। बताया कि उपार्जित अवकाश को लेकर घोटाले में प्रतिसार निरीक्षक के अलावा कर्मचारियों पर भी शिकंजा कस रहा है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने गणना कार्यालय के कर्मचारियों को चेतावनी दी कि निलंबित कर्मचारियों की रोजाना सुबह 10 बजे और शाम को गणना करें। गणना में अनुपस्थित कर्मचारियों का रजिस्टर में उल्लेख होना चाहिए। मोबाइल फोन से कॉल करके उपस्थित दर्ज कराने का खेल पकड़ में आने पर संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। छुट्टी घोटाले के छानबीन में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। हजरतगंज कोतवाली में तैनात आरक्षी सूर्य प्रसाद ने वर्ष 1998 में आकस्मिक अवकाश लिया और 20 साल बाद भी ड्यूटी पर नहीं लौटे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि सीतापुर के रहने वाले 1981 बैच के आरक्षी सूर्य प्रसाद की वर्ष 1998 में हजरतगंज कोतवाली में तैनाती थी।

इस दौरान आकस्मिक अवकाश पर गया और आज तक नहीं लौटा। 20 साल से गैरहाजिर सिपाही के बारे में ठोस छानबीन नहीं की गई। जांच कराई जा रही है कि उसने कब तक वेतन प्राप्त किया और वर्तमान में क्या स्थिति है? आरक्षी की तलाश कराकर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस लाइन स्थित गैस गोदाम में अराजकता व कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए रजिस्टर में गैस सिलेंडर लेने वाले के नाम के साथ मोबाइल नंबर दर्ज करने के आदेश दिए। क्षेत्राधिकारी द्वारा औचक निरीक्षण करके गैस सिलेंडरों की सप्लाई का जायजा लिया जाएगा। बिजली बिल की बकायादारी और आवास समस्या के मद्देनजर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने निरीक्षक को सरकारी आवास में रह रहे पुलिसकर्मियों के सत्यापन के आदेश दिए। अन्य जिले में तबादले के बाद भी आवास पर कब्जा जमाये पुलिसकर्मियों को चिह्नित करने को कहा। उनसे आवास खाली कराने के साथ बिजली के बिल का भुगतान कराया जाएगा।

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