>> शम्भू-मंटू गिरोह का खास हैं दोनों अपराधी ,गिरोह का है मुजफ्फरपुर में सैकड़ों एकड़ जमीन
>> अंडरवर्ल्ड डॉन प्रो वीपीन सिंह का मुजफ्फरपुर में कामकाज देखते थे पूर्व मेयर
रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं ) । मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर समीर कुमार की हत्याकांड ने सूबे की सुरक्षा -व्यवस्था को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया हैं । इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले दोनों अपराधियों की पहचान कर लिया गया हैं । मोटरसाइकिल चलाने वाला अपराधी सुजीत कुमार हैं वहीं एके 47 से समीर कुमार पर गोलियां बरसाने वाला गोविंद हैं । दोनों अपराधी ,शम्भू-मंटू गिरोह के खास हैं ।
पूर्व मेयर रहें समीर कुमार का नाम उत्तरी बिहार के अंडरवर्ल्ड डॉन रहें प्रोफेसर वीपीन सिंह के खास थे। मुजफ्फरपुर के सभी ठेकेदारों से कितना कमीशन लेना है और काम किसको मिलेगा यह सब समीर कुमार तय करते थे,जिसपर मुहर प्रोफेसर वीपीन सिंह का लगता था। अपराध में जुड़ा चाहे कितना भी बड़ा नाम शम्भू-मंटू का हो लेकिन प्रोफेसर वीपीन सिंह के आगे नतमस्तक रहते थे। समीर सिंह को सहयोगी के तौर पर अहियापुर के गुड्डू और विश्वनाथ सिंह ,ठेकेदार रहते थे। अखाड़ाघाट के कारोबारी विनोद हसारिया के घर दरबार सजता था। वहीं दरभंगा और मधुबनी में डॉन प्रोफेसर वीपीन सिंह का काम पूर्व विधायक प्रभाकर चौधरी देखते थे। राकेश कुमार, जिसे पुलिस वे गिरफ्तार किया हैं वह डॉन वीपीन सिंह का शूटर था। डॉन को करोड़ों -अरबों की रंगदारी आती थीं ।नहीं देने पर जहानाबाद के ठेकेदार मदन सिंह उर्फ मनन सिंह की हत्या ,डॉन वीपीन सिंह के आदेश पर राकेश सिंह ने लाइन होटल पर कर दिया था। इसमें सरकारी इंजीनियर भी मारा गया था। सुत्र बताते हैं की तत्कालीन मेयर समीर कुमार ने ही ठेकेदार की हत्या करने का इशारा किया था।
पूर्व मेयर समीर कुमार को मुजफ्फरपुर के कारोबारी भरोसेमंद समझते थे। हर एक लफड़े का समाधान ,समीर कुमार द्वारा किया जाता था । समीर कुमार की तरक्की ,आर्थिक और समाजिक खूब हुई । ठेकेदारी के सेटिंग के बाद जमीन में कदम बढ़ाया तो क्या मजाल की कोई रोड़ा बनें । चुकी पहले का किये हुये का शोर था। इधर शम्भू-मंटू गिरोह भी जमीन में कूद पड़ा हैं । मुजफ्फरपुर में गिरोह ने सैकड़ों एकड़ जमीन अपने नाम किया है तो लफड़ेला को सुलझाने के लिए भी लोग पहुंचते थे। कई लफड़ले जमीन पर, अब समीर कुमार और शम्भू-मंटू गिरोह में टकराव शुरू हो गया था। बात प्रोफेसर वीपीन सिंह तक पहुंची ,समझौता कर समाधान करने की कोशिश की गयी लेकिन दिल से बात नहीं बनी ।
मुजफ्फरपुर में जमीन कारोबार का बड़ा फील्ड था, जिसपर शम्भू-मंटू एकक्षत्र राज चाहते थे । इसके लिए समीर कुमार को हटाने के अलावा और कोई दूसरा चारा नहीं था। आका ने खाका तैयार किया और फुल प्रुफ प्लानिंग बना डाली । समीर कुमार का शटर डाउन करने की जिम्मेवारी शूटर गोविंद को मिली । इसमें कई और को शामिल किया गया । सीसीटीवी फुटेज में जो मोटरसाइकिल चलाते दिख रहा है वह सुजीत कुमार नामक अपराधी हैं वहीं एके47 से गोलीबारी करने वाला गोविंद हैं । दोनों ही शम्भू-मंटू गिरोह के हैं ।
वहीं दूसरे ओर पुलिस ने राकेश सिंह को गिरफ्तार किया हैं । राकेश सिंह पूर्व में एके 47 से झंझारपुर में कई मजदूरों को एक साथ हत्या कर दिया था। राकेश सिंह ,डॉन ,प्रोफेसर वीपीन सिंह का आदमी रहा हैं । पूर्व विधायक प्रभाकर चौधरी का भी समर्थक रहा हैं । प्रोफेसर वीपीन सिंह जब सरेंडर किये थे तो मात्र 6 माह के अंदर दर्जनों मामले में जेल से रिहा हो गये थे । वकील से लेकर जेल तक का मैनेजमेंट पूर्व मेयर समीर कुमार ने ही किया था।
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