लखनऊ। उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजबब्बर अचानक आज लालबाग स्थित शर्मा रेस्टोरेंट में चाय पीने पहुंच गये। उनके पहुंचते ही वहां भीड़ लग गयी और लोग कौतूहलवश उनको देखने और मिलने के लिए प्रयास करने लगे। उन्होने शर्मा रेस्टोरेंट में चाय पी और बन्द-मक्खन खाया एवं पार्क में बैठकर लोगों से बातचीत की। इसी समय चाय पीते हुए कुछ पत्रकार बन्धुओं से भी बातचीत की।
इस अवसर पर राजबब्बर ने अपने उन पुराने लम्हों को याद किया जब वह यहां लोकसभा चुनाव लड़ रहे थे। पत्रकारों ने उनसे तीन तलाक के बारे में जब राय मांगी तो उन्होने विनम्रतापूर्वक यह कहा कि महिलाओं के लिए सरकार जो सोच रही है उसका हल उनकी समस्या के समाधान हेतु होना चाहिए न कि एक दिखावा मात्र। ऐसी परिस्थिति में सरकार को यह सोचना चाहिए कि महिला का भरण पोषण कैसे होगा। साथ ही उन लोगों के बारे में भी विचार करना चाहिए जो बिना तलाक के हैं और उनके पति न तो उनका भरण पोषण करते हैं न साथ रखते हैं।
आरएसएस जैसी संस्था के बारे में विशेष बोलने का कोई औचित्य नहीं
आरएसएस के विज्ञान भवन नई दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम के बारे में राजबब्बर ने आश्चर्य प्रकट किया कि आज तक गैर सरकारी कार्यक्रम विज्ञान भवन में कभी नहीं हुआ, कैसे एक गैर सरकारी संस्था का कार्यक्रम विज्ञान भवन में सरकार ने होने की अनुमति दी? उन्होंने कहा कि यह संस्था 1925 से आज तक अपनी विश्वसनीयता जनता में स्थापित नहीं कर पायी, इसीलिए कभी यह हिन्दुत्व की बात करती है तो कभी हिन्दू-मुस्लिम की बात करती है तो कभी महिलाओं के विरोध की बात करती है। ऐसी संस्था के बारे में विशेष बोलने का कोई औचित्य नहीं है जो जनता को गुमराह करती हो और कट्टरपंथियों के साथ भी समझौता करने में कोई परहेज न करती हो।
स्वयं में कन्फ्यूज है भाजपा सरकार
राजबब्बर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार स्वयं में कन्फ्यूज है इसीलिए मॉब लिंचिंग करने वालों, दलितों को पीटने वालों को जेल से छूटने के बाद उनके मंत्री माला पहनाकर स्वागत करते हैं और प्रधानमंत्री जी मन की बात में इसके विरूद्ध एक शब्द भी जनता को नहीं बताते हैं।
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