नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। बिहारी बाबू ने इस बार सेना में जवानों की कमी और तेल-गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर निशाना साधा है। सवाल उठाया है कि आखिर इन सब हालात में सरकार अपने कैबिनेट के वेतन और भत्ते के आकार में कमी क्यों नहीं करतीं। पटना साहिब सीट से लोकसभा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अक्सर बीजेपी की केंद्र सरकार को सोशल मीडिया के जरिए खरी-खरी सुनाते रहते हैं। इस पर शॉटगन ने सरकार पर व्यंग्य कसते हुए कहा-तेल की कीमतों के बढ़ने के इस दौर में सिलिंडर साढ़े आठ सौ रुपये हो चुका है। इस योग्य सरकार के सत्ता में आने के बाद यह दोगुनी कीमत है। डॉलर भी शतक लगाने की ओर है। अब राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता…यह निराशाजनक है। आखिर क्यों नहीं सरकार अपने कैबिनेट के वेतन भत्ते का आकार कम करती।
हमें अपनी सशस्त्र सेना पर गर्व
फिर दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा,”भारतीय सेना, दुनिया में अपने पेशेवराना तेवर और समर्पण के लिए जानी जाती है। इस नाते सेना का आकार घटाने का फैसला तथ्यों और आंकड़ों पर आधारित होना चाहिए” तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा- “हमें अपनी सशस्त्र सेना पर गर्व है., जो दुनिया की पांच बड़ी सेनाओं में से एक है। लागत कम करने के नाम पर सैनिकों की कटौती करने की खबरें आपत्तिजनक हैं”
बता दें कि हालिया खबरों में कहा गया कि भारतीय सेना में बड़े पैमाने पर कटौती होनी है। बड़े हथियारों की ख़रीद के लिए डेढ़ लाख नौकरियां खत्म करने की कवायद चल रही। तर्क दिया जा रहा कि सेना में कॉस्टकटिंग से 5 से 7 हज़ार करोड़ रुपये की बचत होगी। जिससे हथियार खरीदे जाएंगे। खर्च घटाने के साथ अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए पैसा जुटाने की मंशा से यह कदम उठाया जाएगा। मौजूदा समय सेना के कुल 1.2 लाख करोड़ के बजट में से 83 प्रतिशत उसके राजस्व खर्च और वेतन सहित कई अन्य मद में निपट जाता है।
सेना को मिलने वाले बजट का सिर्फ 17 प्रतिशत यानी 26,826 करोड़ रुपये पूंजीगत खर्चों के लिए जाता है. यह वो राजस्व है जिसे लेकर सेना पूरी तरह खुश नहीं है। आने वाले समय में नौकरी में कटौती के बाद इससे बचने वाले 5 से 7 हज़ार करोड़ रुपये से हथियार खरीदे जाएंगे. इससे सेना के पास 31,826 से 33,826 करोड़ रुपये तक हो जाएंगे। इन खबरों पर बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने तीखी टिप्पणी की है।
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