हरपालपुर।हरदोई22अक्टूबर।बिजली के लिए तरस रहे ग्रामीणों ने आखिरकार लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का फैसला कर ही लिया है।विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का दंश झेल रहे बरनई गांव के बाशिंदे अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है।विकास खण्ड सांडी के गांव बरनई चतरखा में बीते 20 सालों से बिजली नही है। सरकार ने विद्युतीकरण के लिए सौभाग्य योजना चलाकर हर गांव को रोशन करने की ठानी तो बरनई के लोगों में भी खुशी छा गयी।उन्हें लगा कि शायद 20 साल बाद हमारा गांव भी रोशन होगा।पर महकमे के जिम्मेदार अधिकारियों की अलग-अलग बातें गांव वालों को खटक रही है। वर्ष 2017 में विद्युतीकरण के लिए इसी गांव के सियाराम शरण ने जनसुनवाई पर शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमे विद्युत खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता एके सिंह ने आख्या लगाते हुए बताया था कि उक्त गांव का चयन पावर ऑफ आल योजना के अंतर्गत होना है।सर्वे के लिए एनके इंटरप्राइजेज गाजियाबाद से अनुबंध किया गया है।इस आख्या के 06माह बाद भी गांव में विद्युतीकरण की शुरुआत नही हुई तो धर्मेंद्र द्विवेदी ने जनसुनवाई के माध्यम से यही शिकायत दर्ज कराई। 25 जून को विद्युत खण्ड प्रथम के उक्त अधिशासी अभियंता ने जो आख्या लगाई उसमें सौभाग्य योजना के तहत गांव में विद्युतीकरण कराए जाने की बात कही।ऐसे में विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की अलग-अलग आख्या से गांव के लोग परेशान है।उन्हें लगता है कि अधिकारी उन्हें गुमराह कर रहे है, क्योंकि कागजों पर भले ही विद्युतीकरण की बात कही जा रही हो,पर गांव में बिजली आने की आहट का कोई संकेत नही मिल रहा है।
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Monday, 22 October 2018
बिजली नही तो वोट नही ,ग्रामीणों ने पहले से ही किया लोकसभा 2019 का बहिष्कार
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