कानून सबसे के लिए बराबर ,नियमाअनुकूल कार्रवाई -एसएसपी
>> मेरी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं पुलिस ,छवि धूमिल करने के लिए किया गया टारगेट -विधायक
रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं ) । हाल के दिनों में नौबतपुर, अपराधियों का गढ़ बन गया हैं । रंगदारी की घटनाओं से यहां के कारोबारी परेशान है। मामला सूबे के उप मुख्यमंत्री और वरीय पुलिस अधिकारियों तक पहुंच चुका हैं । नौबतपुर में शांति और सुरक्षा -व्यवस्था पुलिस के लिए चुनौती बन गयी हैं । इसको लेकर सीनियर एसपी मनु महाराज ,बीते शुक्रवार की देर रात सैकड़ों पुलिस पदाधिकारियों और जवानों के साथ प्लैग मार्च पर थे। एसएसपी के निर्देश पर क्षेत्र में सघन वाहन चेकिंग चलाया जा रहा था। स्थानीय ,कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ सिंह अपने काफीला के साथ पटना लौट रहें थे। विधायक की गाड़ी आगे निकल गयी वहीं इनके सिक्योरिटी का गाड़ी पीछे रह गया । वाहन की जांच की गयी तो उसके दो हथियार मिला । एक लाइसेंसधारी स्वयं अपना रायफल लिये हुये थे तो दूसरे व्यक्ति के पास मिला बंदूक का लाइसेंस दूसरे व्यक्ति के नाम से था।उक्त व्यक्ति को पुलिस ने तुरंत हिरासत में ले लिया । जांच और पूछताछ के क्रम में बंदूक का लाइसेंस ,विधायक सिद्धार्थ सिंह के पिता, प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डा उत्पलकांत का निकला । पुलिस ने लाइसेंसधारी और बंदूक लिये व्यक्ति के खिलाफ ,नौबतपुर थाने में एफआईआर दर्ज किया गया हैं । वाहन जांच के दौरान फुलवारीशरीफ, डीएसपी रामाकांत प्रसाद ,नौबतपुर थानाध्यक्ष सहित दर्जनों पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।
कानून सबके लिए बराबर ,डीएसपी कर रहें मामले की जांच -एसएसपी
एसएसपी मनु महाराज ने बताया की पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार त्योहारों को लेकर सुरक्षा -व्यवस्था के मद्देनजर ,जिले में वाहन चेकिंग चलाया जा रहा हैं । इसी क्रम में वाहन जांच के दौरान बेलोरो गाड़ी से दो हथियार बरामद हुआ था। जो लाइसेंसधारी सही थे उन्हें जांच के बाद मुक्त कर दिया गया ,दूसरा व्यक्ति के पास हथियार था लेकिन अपने नाम का लाइसेंस नहीं था। शस्त्र अधिनियम के तहत जांच कर कार्रवाई का निर्देश डीएसपी को दिया गया हैं ।कानून सबके लिए बराबर हैं । सुरक्षा के लिए पुलिस मुख्यालय में सुरक्षा समिति गठित हैं ।वहां से तय होता है की किसे और कितना हथियार देना हैं ।
सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं पुलिस ,टारगेट कर कार्रवाई -विधायक
विधायक सिद्धार्थ सिंह ने कहां की सूबे में अपराध का ग्राफ बढ़ गया हैं । नौबतपुर में अपराधी गिरोह सक्रिय हैं । ऐसी स्थिति में सुरक्षा ,सभी के लिए चिंता का विषय बना हुआ हैं । जन प्रतिनिधि के नाते हमें क्षेत्र का भ्रमण लगातार करना पड़ता हैं । प्रावधान के अनुसार तीन सरकारी अंगरक्षक है लेकिन सुरक्षा की और जरूरत हैं । दो गार्ड बढ़ाने के लिए मेरे द्वारा आवेदन दिया गया । जिसपर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रहीं हैं ।ऐसी स्थिति में मुझे निजी हथियार का गार्ड रखना पड़ रहा हैं । जो हथियार पुलिस ने बरामद किया हैं वह मेरे पिताजी के नाम से लाइसेंसी है । पिताजी जी मेरे साथ में थे और एक कार्यक्रम से लौटकर पटना जा रहें थे। पुलिस हमारी छवि धूमिल करने के लिए टारगेट कर गलत कार्रवाई किया हैं ।
डीएसपी और विधायक में रहा हैं पुराना विवाद
सिद्धार्थ सिंह जब बेऊर जेल में थे तो जिला पुलिस -प्रशासन द्वारा जेल में चेंकिग हुआ था। उस दौरान किसी बात को लेकर तत्कालीन इंस्पेक्टर रामाकांत प्रसाद और सिद्धार्थ सिंह में विवाद हो गया था। सिद्धार्थ सिंह रिहा होने के बाद बिक्रम ,विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के विधायक है तो वहीं इंस्पेक्टर रामाकांत प्रसाद का प्रमोशन डीएसपी में हो गया और वर्तमान में फुलवारीशरीफ के एसडीपीओ हैं ।
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