सुल्तानपुर—– री एडमिशन फीस सहित अन्य मामलो को लेकर अभिभावकों ने स्कूल परिसर में हंगामा काटा । शहर के नामी गिरामी स्कूल सेन्ट जेवियर्स हाई स्कूल दरियापुर में अभिभावक स्कूल प्रशासन पर उस समय आक्रोशित हुय जब स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग में गये थे अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन योगी सरकार के सख्त रैवये के बाउजूद भी हर वर्ष री एडमिशन के साथ हर माह निर्धारित फीस के बाद मनमाने ढंग से बढ़ोतरी कर रूपये वसूल करती है यही नही अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जहाँ देश के प्रधान मंत्री स्वछता अभियान की अलख जागने के लिये पुरेदेश में मुहीम छेड़ा है वही स्कूल के टॉयलट पूरी तरह गंदे रहते है यही नही एक महिला अभिभावक ने स्कूल की अव्यस्थाओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूल प्रबन्ध तंत्र हम अभिभावक गण से मनमाने ढंग से फ़ीस वसूलती है लेकिन अगर किसी छोटे बच्चे अपनी पैंट गन्दा कर लेते है तो अभिभावकों को बुलाकर साफ कराया जाता है वही दूसरी महिला अभिभावक ने कहा कि हम लोगो को पेरेंट्स मीटिंग के दौरान बुलाया गया था जब हम लोग स्कूल पहुंचे तो यहाँ के चौकीदारों ने इस चिल्चलती धूप में बाहर खड़ा होने को कहा यही नही महिला अभिभावक का यह भी आरोप है कि यहां के कर्मचारी हमेशा नशे में धुत रहते वह अक्सर अभिभावकों के साथ बत्तमीजी से पेश आते है और कहते है कि जहाँ शिकायत करनी है करो कोई कुछ नही कर पायेगा वही विदयालय प्रशासन कहता है कि अपने बच्चों को पढ़ाना है तो हमारे रूल रेगुलेशन को मानना पड़ेगा नहीतो अपने बच्चों का नाम कटवा कर अन्यत्र स्कूल में ले जाकर दाखिला करा दो बहरहाल इस स्कूल में अभिभावकों द्वारा फीस बढ़ोतरी व् बदसलूकी को लेकर पहला मामला नही लगभग दो माह पहले भी ऐसे मामले हो चुके है जिसकी शिकायत अभिभावकों ने जिले के आलाकमान अधिकारी जिलाधिकारी व् बेसिक शिछा अधिकारी से की है लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि जिस योगी सरकार ने निजी स्कूलों पर नकेल कसने के लिये कानून बनाकर हंटर चलाया है उसी कानून को जिले के जिम्मेदार अधिकारी स्कूलों पर नकेल कसने में कोताही बरत रहे है जिसके शोषण के शिकार अभिभावक हो रहे हे जो अपने बच्चों को एक अच्छी शिछा दिलाना चाहते है जो कल इस देश के भाभिष्य कहलायेगे।
कैबिनेट के फैसले की 12 प्रमुख बातें :
1. निजी स्कूलों को हर साल फीस बढ़ाने पर रोक, 7-8% से ज्यादा फीस वृद्धि अब नहीं हो सकती. क्लास 12 तक सिर्फ एक ही बार एडमिशन फीस ली जा सकेगी.
2. 12वीं तक सिर्फ 1 बार एडमिशन फीस, 20 हजार से ज्यादा फीस लेने वाले स्कूल दायरे में आएंगे.
3. नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई, अगर स्कूल नियमों का उल्लंघन करते हैं तो ऐसा पहली बार करने पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा. दूसरी बार ऐसा करने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगेगा. अगर तीसरी बार भी नियमों को उल्लंघन किया गया तो स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी.
4. अगर स्कूल फीस बढ़ाना चाहते हैं तो तो अध्यापकों के वेतन वृद्धि के आधार पर ही ऐसा संभव हो सकेगा यह भी 7-8% से अधिक नहीं होगी. अभी 100% तक फीस बढ़ा दी जाती थी.
5. अधिकांश स्कूल अपने यहां कॉमर्शियल एक्टिविटी करते हैं. उसकी आय को उन्हें स्कूल की आय में दिखाना होगा. इससे स्कूल की आय बढ़ जाएगी. अभी तक स्कूल यह कहते थे कि स्कूल की आय कम है. अब जब आय बढ़ेगी तो अध्यापकों की फीस बढ़ेगी और बच्चों की फीस कम होगी.
6. अगर कोई अभिभावक या प्रबंधक इससे असहमत होता है तो एक अपीलिंग कमेटी बनेगी वहां सुनवाई की जा सकेगी.
7. स्कूल रेजिस्ट्रेशन फीस, एडमिशन फीस, परीक्षा शुल्क समेत 4 शुल्क अनिवार्य होंगे. जबकि बस, मेस, हॉस्टल जैसी सुविधाएं वैकल्पिक होंगी.
8. स्कूल शैक्षिक सत्र के 60 दिन पहले अलग-अलग मदों के खर्च को डिस्प्ले करेगा. शुल्क प्रभार की रसीद देनी होगी.
9. 5 वर्षों तक ड्रेस में परिवर्तन नहीं कर सकते. अगर ऐसा होगा तो मंडलायुक्त स्तर पर एक कमेटी होगी जो इसकी जांच करेगी.
10. सभी खर्चों को वेबसाइट पर प्रदर्शित करना होगा. त्रैमासिक, अर्ध वार्षिक शुल्क ही लिया जा सकता है. सालभर की फीस एक साथ लेने पर भी पाबंदी.
11. निर्धारित दुकान से किताब और यूनिफार्म खरीदने को बाध्य नहीं होंगे अभिभावक, तय दुकान से जूते-मोजे, यूनिफार्म खरीदने को बाध्य नहीं कर सकते स्कूल.
12. अभिभावकों की शिकायत दूर करने के लिए बनाया जा रह
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