मुजफ्फरनगर। महावीर चैक स्थित वर्धमान टेस्ट ट्यूब बेबी सैन्टर पर एक विशाल फर्टिलिटी मेला आयोजित किया गया जिसमें संस्थान की ओर से उन बच्चों एवं उनके माता पिता केा भी सम्मानित किया गया जिनका व्यक्तित्व और जन्म वर्धमान हास्पिटल से जुड़ा हुआ है। उपरोक्त जानकारी देते हुए डा. नूतन जैन ने बताया कि वर्धमान अस्पताल पिछले पैतीस वर्षो से चिकित्सा के क्षेत्र में अग्रणीय बना हुआ है। डा. नूतन जैन द्वारा दूरबीन विधि से आपरेशन एवं बांझपन के इलाज की तकनीक मील का पत्थर बन गयी है। नई तकनीक के द्वारा उन्होंने सर्जिकल क्षेत्र में भी अपना नाम रोशन किया है। इस मौके पर डा. नूतन जैन ने बताया कि बीमारी चाहे गर्भाशय की हो या अण्डाशय की लैपरोस्कोपी विधि के द्वारा वो पूर्णतया ठीक हो जाती है। टैस्ट ट्यूब बेबी सैन्टर की संचालिका डा. वंदना जैन ने बताया कि लैपरोस्कोपी एवं आधुनिक तरीकों द्वारा बांझपन के इलाज के लिए टैस्ट ट्यूब बेबी की जरूरत पड़ती है। बढ़ती उम्र, माहवारी बंद होना या न होना, नले खराब होना, बच्चेदानी की परत न बनना, बच्चेदानी में रसौली अथवा टीबी का होना, हार्मोन्स का ठीक न होना जैसी कमी को आसानी से ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा पुरूषों में होने वाली कमी जैसे शुक्राणुओं का कम होना या न होना भी चिकित्सा क्षेत्र में अब कोई कठिन समस्या नहीं रही है। डा. वंदना जैन ने बताया कि उन्होंने आईवीएफ की ट्रेनिंग न्यूयार्क, सिंगापुर व आस्ट्रेलिया से प्राप्त की है और वर्धमान अस्पताल को अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर आधारित किया गया है। उन्होंने बताया कि टैस्ट ट्यूब बेबी एक सामान्य प्रक्रिया है और इसमे ज्यादा आराम की आवश्यकता नहीं होती। समय के साथ बदलती तकनीक के चलते अब यह काफी सरल हो गयी है। वर्धमान अस्पताल माडयूलर लैब, टैस्ट ट्यूब बेबी विधि के लिए उपयुक्त साबित हो रहा है इसमे हम टैस्ट ट्यूब बेबी बनाने के बाद पांचवें दिन उसे स्थानान्तरित करते है और सबसे अच्छे भ्रूणों को ही स्थापित करते है जिससे बच्चा बढने की सम्भावना पूरी बन जाती है। डा. वंदना जैन ने बताया कि बच्चेदानी की अंदरूनी परत जहां बच्चा ठहरता है उसे विकसित करना टैस्ट ट्यूब पद्यति की सफलता के लिए बहुत जरूरी है। अंत में उन्होंने फर्टिलिटी मेले में आये हुए सभी अभिभावकों का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम में सौ से अधिक दम्पत्ति शामिल हुए और कहा कि भविष्य में भी वे उतना ही स्नेह और प्यार के साथ उनसे ुड़े रहे।
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Sunday, 21 October 2018
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