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Wednesday, 3 October 2018

तीन सौ अस्सी करोड़ की घाटे में चल रही चीनी मिल बेतन के लिये मोहताज है कर्मचारी

सुल्तानपुर—– जनपद के  गोसाईंगंज थानाक्षेत्र के सैदपुर गांव में किसान सहकारी चीनीमिल है जिसको पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी द्वारा स्थापित किया गया  था ,कुछ वर्ष ठीक ठाक चलने  के बाद इसकी हालत बद से बदतर होती चली गयी। हाल ये है कि  चीनीमिल अब पूरी तरह से जीर्ण शीर्ण हो चुकी है। किसी तरह यहां के कर्मचारी और अधिकारी पेराई सत्र के समय काम करते हैं। चीनीमिल के जीर्णोध्धार के लिये यूनियन ने कई बार लिखा पढ़ी भी की , लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। इतना ही नहीं यहां कार्य करने वाले कर्मचारियों का तो और भी बुरा हाल है। पिछले 16 महीनों से यहां के कर्मचारियों और अधिकारियों को अपने वेतन के लाले पड़ गये हैं। इसको लेकर अप्रैल माह में धरना प्रदर्शन भी किया गया लेकिन हर बार की तरह अधिकारी आये और शासन स्तर के अधिकारियों से बातचीत करके एक माह के भीतर वेतन का भुगतान करवाने का आश्वासन देकर धरना समाप्त कर दिया गया।
    इस मामले में चीनी मिल के कर्मचारी         अरविंद प्रकाश तिवारी  ने बताया कि
  वेतन और चीनी मिल के जीर्णोद्धार के लिये हम सभी कर्मचारियों ने सांसद वरुण गांधी से भी फरियाद  किया था,  सांसद  ने भी मुख्यमंत्री  को पत्र लिखकर चीनीमिल का जीर्णोधार और वेतन निर्गत किये जाने का अनुरोध किया था लेकिन दो माह  बीत जाने के बाद भी  आज तक कोई सुनवाई नही हुई धरने पर बैठे कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर समय से उनकी मांगे नही मांगी गई तो काम को बन्द कर दिया जायेगा जिससे पेराई सत्र के समय गन्ना पेराई का कार्य पूरी तरह ठप रहेगा जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी आगे यह भी कहा है कि अभी कार्य बहिष्कार किया गया है और पेराई सत्र के दौरान चक्का जाम कर दिया जाएगा।
      इसी क्रम मे -श्याम बहादुर सिंह यूनियन अध्यछ  ने कहा की कर्मचारी तो कर्मचारी अधिकारी भी वेतन न मिलने से परेशान हैं। खुद चीनीमिल के जनरन मैनेजर भी मानते हैं कि चीनीमिल लगभग तीन सौ अस्सी करोड़ के घाटे में चल रही है। उनकी माने तो पहले के समय में चीनी विक्रय करने के बाद कर्मचारियों और अधिकारियों के वेतन और अन्य जरुरतों के पैसे निकाल लिये जाते थे, लेकिन अब चीनी विक्रय का पैसा बैंक में जमा कर दिया जाता है और शासन से जो दिशा निर्देश प्रप्त होते हैं उसी के अनुसार कार्य किया जाता है।

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