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Saturday, 6 October 2018

कांग्रेस के रवैये से अखिलेश नाराज, कहा-नहीं करेंगे मध्यप्रदेश में गठबंधन…

लखनऊ। महागठबंधन के सहारे चुनावी नैया पार करने की जुगत में लगी कांग्रेस को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बाद उत्तर प्रदेश के कद्दावर दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने झटका दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को साफ किया कि उनकी मध्यप्रदेश में कांग्रेस के बजाय अकेले या गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ विधानसभा चुनाव में उतरना पसंद करेगी।

यादव ने पत्रकारों से कहा कि हम मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में थे मगर उन्होने अभी तक हमसे बात नहीं कर रही है। अब और इंतजार नही किया जा सकता। हमने कांग्रेस के साथ चुनाव मैदान में नहीं उतरने का फैसला किया है। इस बारे में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से बातचीत चल रही है।

उन्होने कहा कि मध्य प्रदेश,राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने वाला है मगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ गठबंधन को लेकर कांग्रेस की दिलचस्पी नहीं दिख रही है। कांग्रेस के रूख को देखते हुये अन्य राज्यों में उसके साथ मिलकर चुनाव लडने की पार्टी की कोई मंशा नही है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि बड़ा दल होने के नाते गठबंधन की जिम्मेदारी कांग्रेस की है। इस नाते कांग्रेस को दिल बड़ा करके दिखाना चाहिए और सभी दलों को साथ लेकर चलना चाहिये। बसपा ने अपना रूख साफ कर दिया है और सपा भी अब इंतजार करने के मूड में नही है। बसपा या उनकी पार्टी किसी के डर में फैसला नहीं करते हैं। जरूरत पड़ी तो बसपा के साथ गठबंधन की संभावनाओं पर बात की जा सकती है।

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की संभावनाओं को बरकरार रखने का संकेत देते हुये यादव ने कहा कि सपा कोई ऐसा दल नही है जो किसी का अपमान करे। इस नाते हम कांग्रेस का सम्मान करेंगे और 2019 के चुनाव के बारे में फैसला बाद में किया जायेगा। मध्यप्रदेश और राजस्थान चुनाव में कांग्रेस के रूख की भतर्सना करते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति चौथे नंबर पर है मगर इसके बावजूद उसका आचरण सही नहीं है। इसलिये पार्टी ने निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश,राजस्थान और छत्तीसगढ में उसका मुख्य सहयोगी दल गोडवाना गणतंत्र पार्टी होगी।

उन्होने कहा कि इन राज्यों में चुनाव की तारीखों का एलान होने वाला है मगर कांग्रेस अभी भी इंतजार के मूड में है। क्या हमें नामाकंन की तारीखों की समाप्ति तक उनका इंतजार करना चाहिये। सपा अध्यक्ष ने दावा किया कि देश की जनता अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासनकाल से मुक्ति का संकल्प कर चुकी है। केन्द्र की मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों ने देश का बेडा गर्क किया है। सरकार सभी मोर्चो में बुरी तरह विफल साबित हुई है। ईवीएम और वीवीपैट के बारे में चुनाव आयोग के विज्ञापन के बारे में पूछने पर सपा अध्यक्ष ने कहा कि अमेरिका जैसे विकसित देश में ईवीएम जांच के घेरे में है जबकि रूस में भी इसकी विश्वनीयता के बारे में सवाल किए जा चुके हैं। उन्होने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर नाच रहा है।

बता दें कि इसी साल में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, मिजोरम, तेलंगाना,राजस्थान शामिल हैं। इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस से अलग होकर अपने 22 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इसके बावजूद कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर अपना कोई रूख साफ नहीं किया था। जिसके बाद अाज सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी गठबंधन को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। वहीं बसपा सुप्रीमो ने छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की जनता कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन किया है। मायावती ने प्रेस कांफ्रेस कर इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में बसपा 35 और अजीत जोगी की पार्टी 55 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अगर हम चुनाव जीतते हैं तो अजीत जोगी मुख्यमंत्री बनेंगे। एेसे में विधानसभा चुनावों में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि एक तरफ मोदी लहर और दूसरी तरफ अन्य दल एक साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि जनता में अपना जनाधार खो चुकी कांग्रेस इन चुनावों में अपनी पैंठ बना पाएगी या नहीं।

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