नई दिल्ली। महाराष्ट्र में ठाणे क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। उन्होंने व्हेल मछली की ‘उल्टी’ की तस्करी के आरोप में कुछ तस्करों को पकड़ा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार इसकी कीमत लगभग 22 करोड़ रुपए है और इसका वजन 11 किलो है। इस गैंग के पास से जंगली छिपकली की सूखी चमड़ी की तस्करी का भी पर्दाफाश हुआ है।
कोंकण तट पर व्हेल मछली की ‘उल्टी’ से बने ये पत्थर खोजने में महीने से साल भर तक इंतजार करना पड़ता है। पिछले कुछ सालों से यहां पर समुद्र में व्हेल मछली देखी जा रही है। इसके बाद यहां तस्कर सक्रिय हो गए। हाल ही में तस्करों के हाथ व्हेल की उल्टी से बना 11 किलो का पत्थर लगा। तस्कर इस पत्थर को मुंबई से सटे ठाणे में बेचने आए थे। ठाणे क्राइम ब्रांच को जब यह जानकारी लगी तो उन्होंने तस्करों को धर दबोचा और उनके पास से यह कीमती पत्थर जब्त किया। पुलिस ने इस मामले में तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन्हें 6 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
व्हेल की आंतों में मोम जैसा तरल पदार्थ होता है, जो उल्टी करने पर बाहर आ जाता है। पानी में तैरते हुए यह किनारे लग जाता है और सूखने पर सख्त हो जाता है। यह पदार्थ सुगंधित होता है, जिसका इस्तेमाल महंगा इत्र, स्प्रे, दवाओं, सुगंधित तेल, लुब्रिकेंट्स आदि बनाने में होता है। इस पदार्थ का भोजन का स्वाद बढ़ाने के और कुछ देशों में इसे सेक्स पावर बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। मध्य युग के दौरान यूरोपीय लोग सिरदर्द, सर्दी, मिर्गी और अन्य बीमारियों के लिए दवा के रूप में एम्बरग्रीस का उपयोग करते थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी बहुत मांग है।
No comments:
Post a Comment