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Saturday, 6 October 2018

बेटियां को पंख दें और उड़ान भरने दें : कोविन्द

कानपुर। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज यहां कहा कि दुर्भाग्य से बेटियों को वह हक नहीं मिल रहा जिसकी वह हकदार हैं। उन्हें पंख दें और उड़ान भरने दें। जब हम अपने परिवारों में अपनी बेटियों और युवा लड़कियों को बाहर निकलने की स्वतंत्रता, उनकी क्षमता का पता लगाने की आजादी देते हैं, तो वे ऊँची से ऊँची उड़ान भरती हैं। श्री कोविन्द कानपुर में ओबस्टेट्रिक और गायनकोलॉजिकल सोसाइटी संघ और कानपुर ओबस्टेट्रिक और गायनकोलॉजिकल सोसाइटी द्वारा आयोजित महिला स्वास्थ्य, कल्याण और सशक्तिकरण पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक और आर्थिक अंतराल महिलाओं को दूसरों की तुलना में बहुत अधिक प्रभावित करता है। समाज के कमजोर वर्गों के परिवारों और समुदायों पर उनका विशेष प्रभाव पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य देखभाल के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में कम कीमत पर गुणवत्ता वाली दवाओं को बेचने और वितरित करने के लिए 3,000 से अधिक जन औषधि केंद्र खोले गए हैं। 85 लाख गर्भवती मताओं और 3.25 करोड़ बच्चों को मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण कवर प्रदान किया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम हाल ही में लॉन्च किया गया है। यह समाज के सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करता है। आयुष्मान भारत के एक हिस्से के रूप में, भारत भर में 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र खोले जा रहे हैं। ये विशेष रूप से मां और नवजात शिशुओं के बीच सेवाएं प्रदान करेंगे।
उन्होंने चिकित्सा विशेषज्ञों से आह्वान किया कि महिलाएं स्वस्थ्य रहेंगी तभी परिवार, समाज और राष्ट्र का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। इसलिए महिलाओं और वंचित वर्ग को स्वास्थ्य शिक्षा और सहूलियतें पहुंचाना आपके कंघों पर है। राष्ट्रपति ने कहा कि 2013 की अपेक्षा मैटरनल मोटेलिटी रेट में 2016 में काफी कमी आ रही है, लेकिन अभी इसमें सुधार की जरूरत है। महिलाओं से जुड़े हर मुद्दे पर प्रभावी प्लानिंग की जरूरत है।
इसके बाद राष्ट्रपति ने प्रतिभा विकास परिषद, कानपुर द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित किया और कानपुर में स्वर्गीय स्वतंत्रता सेनानी श्यामलाल गुप्त पार्षद जी की मूर्ति का अनावरण किया। यहां संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान करने और उन्हें प्रोत्साहित करने तथा उनकी मुफ्त शिक्षा को सुविधाजनक बनाने के प्रयासों के लिए परिषद की सराहना की। उन्होंने कहा कि परिषद से जुड़े कई छात्र इंजीनियरिंग, चिकित्सा और अन्य प्रवेश परीक्षाओं में सफल रहे हैं।

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