दिल्ली पुलिस का एक बड़ा कारनामा सामने आया है। पासपोर्ट बनवाने के दौरान दस्तावेजों की जांच में दिल्ली पुलिस के बड़े गड़बड़झाले का पता चलने से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि स्पेशल ब्रांच के कुछ पुलिसकर्मियों ने रकम लेकर दिल्ली में रह रहे अफगानिस्तान के 52 नागरिकों के भारतीय पासपोर्ट बनवा डाले। इस मामले में अब तक तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया जा चुका है और उनपर विभागीय कार्रवाई चल रही है। इसके साथ ही इस बात की भी जांच की जा रही है कि इसमें कौन-कौन और कितने पुलिसवाले शामिल है।
जानकारी के मुताबिक इस फर्जीवाड़े की शुरुआत तकरीबन 6 महीने पहले हुई थी। ये पासपोर्ट दो बार में बनवाए गए। पहली बार 15 अफगानियों के पासपोर्ट बने। यह काम कुछ दलालों के जरिए किया गया। दूसरी बार में 37 विदेशियों के भारतीय पासपोर्ट बनवाए गए। जिनके पासपोर्ट बने, वे सभी 52 अफगान विदेश भागने की फिराक में थे।
कथित रूप से दो करोड़ रुपये लेकर जिन 52 अफगानी नागरिकों के भारतीय पासपोर्ट बनवाए गए वे सभी वेस्ट दिल्ली में रहते थे। वे लोग किराए पर रहते थे। इन विदेशी नागरिकों में से किसी के पास दिल्ली का पर्मानेंट अड्रेस नहीं था। अड्रेस प्रूफ के तौर पर कोई भारतीय सरकारी दस्तावेज नहीं था। सूत्रों ने बताया कि 52 विदेशी नागरिक वेस्ट दिल्ली के पंजाबी बाग, राजौरी गार्डन और तिलक नगर इलाके में रहते थे। आरोप है कि पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन करने वाले की तमाम पुलिस वेरिफिकेशन का काम स्पेशल ब्रांच द्वारा किया जाता है। ऐसे में इस ब्रांच के ही कुछ पुलिसकर्मियों ने इन विदेशी नागरिकों को दस्तावेज बनवाने का रास्ता दिखाया। ज्यादातर दस्तावेज दलालों के माध्यम से उन्होंने खुद ही तैयार कराए। वे सब फर्जी थे।
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