लखनऊ। राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित जिला कारागार के निरीक्षण के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने जेल के अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर हड़कंप मचा दिया। उन्होंने कहा कि जिला कारागार के अधिकारी उनके साथ पेशेवर अपराधी जैसा बर्ताव कर रहे हैं। वह बीमार हैं लेकिन उन्हें उपचार के लिए बाहर के अस्पताल में नहीं भेजा जा रहा। ऐसे हालात में उनके साथ कोई भी अनहोनी हो सकती है। इस पर अधिकारियों ने गायत्री को समझाकर शांत कराया। इस बीच निरीक्षण में कोई भी आपत्तिजनक व प्रतिबंधित वस्तु बरामद नहीं हुई।
रायबरेली के जिला कारागार में अपराधियों की वसूली और अय्याशी का वीडियो वायरल होने के बाद सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे अपर जिला अधिकारी पूर्वी संतोष कुमार वैश्य और अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने डेढ़ घंटे तक राजधानी के जिला कारागार की छानबीन की।
कुख्यात अरविंद राठी, खान मुबारक, सुशील गुज्जर, हनुमान मौर्य समेत 25 से अधिक शातिर अपराधियों के साथ ही सामान्य बैरकों की सघन तलाशी कराई गई। अधिकारी पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की बैरक पहुंचे तो उन्होंने कारागार प्रशासन पर उत्पीड़न व भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें परिवार के सदस्यों से मिलने नही दिया जाता। बीमार होने के बावजूद उपचार के लिए बाहर के अस्पताल में नहीं भेजा जा रहा। एक महीने से अधिकारी पुलिस फोर्स न होने या अन्य कोई बहाना बनाकर टाल रहे हैं।
समस्याएं दूर करने का दिलाया भरोसा
अधिकारियों ने गायत्री को समझाते हुए उनकी समस्याएं जल्द दूर करने का आश्वासन दिया। इस दौरान टीम ने हाई सिक्योरिटी के साथ ही सर्किल नंबर एक और दो की बैरकें भी खंगालीं। निरीक्षण की कार्रवाई के बाद कई बंदियों की बैरकें बदल दी गईं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय ने कहा कि जेल में सब कुछ सामान्य है। पूर्व कैबिनेट मंत्री की भेदभाव की शिकायत गलत है। उन्हें जेल मैनुअल के मुताबिक सुविधाएं दी जा रही हैं। इस मौके पर क्षेत्राधिकारी मोहनलालगंज राजकुमार शुक्ला, मोहनलालगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक गऊदीन शुक्ला समेत पुलिस व प्रशासन के अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
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