लखनऊ । कथक का पर्याय बन चुके पद्मविभूषण बिरजू महाराज के मार्गदर्शन में चल रही कथक की सघन कार्यशाला आयोजन किया गया। जिसमें आज से गोमतीनगर के संगीत नाटक अकादमी में इसकी शुरुआत हो गयी है । यह पंचदिवसीय कार्यशाला है ,हालांकि इस वर्ष अल्पिका लखनऊ , कलाश्रम दिल्ली और उत्तरप्रदेष संगीत नाटक अकादमी के संयुक्त प्रयासों से हो रही है। कार्यशाला शुभारम्भ के मौके पर आज यहां अकादमी भवन पूर्वाभ्यास कक्ष में अकादमी अध्यक्ष व पूर्व कुलपति भातखण्डे संगीत संस्थान विष्वविद्यालय पूर्णिमा पाण्डेय , अकादमी सचिव रूबीना बेग भी उपस्थित रहीं।
मध्यप्रदेश ,गुजरात व महाराष्ट्र से शामिल हुए प्रतिभागी
कार्यशाला संयोजिका उमा त्रिगुणायत व सहसंयोजिका नृत्यांगना रेनू शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में स्थानीय व प्रदेश के अन्य शहरों के साथ ही मध्यप्रदेश ,गुजरात व महाराष्ट्र आदि के प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। महाराज जी के कहे अनुसार प्रतिभागियों के वर्ग तय करके उनका समय भी तय कर दिया गया है ,साथ ही आज से कार्यशाला की प्रारम्भिक कक्षाएं भी प्रारम्भ हो गई हैं। कल से स्वयं बिरजू महाराज और उनकी प्रमुख शिष्या शाष्वती सेन कक्षाओं में प्रशिक्षण प्रारम्भ करेंगी। इस कार्यशाला के अंत में शुक्रवार को संत गाडगे प्रेक्षागृह गोमतीनगर में शाम पांच बजे से कार्यक्रम का आयोजन होगा। कार्यक्रम में प्रतिभागियो की प्रस्तुति होगी साथ ही पंडित बिरजू महाराज कथक की बारीकियों और पुरानी बंदिशों के साथ अपने संस्मरण भी रखेंगे।
No comments:
Post a Comment