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Sunday, 4 November 2018

’सन ऑफ मल्लाह’ ने रैली में की नई पार्टी की घोषणा

पटना। निषाद विकास संघ के अध्यक्ष और ’सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से चर्चित मुकेश सहनी ने यहां रविवार को ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित महारैली में अपनी राजनीतिक पार्टी की घोषणा की। उन्होंने पार्टी का नाम विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) रखा है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “अब हमारे समाज को दूसरों के रहमो-करम पर आश्रित नहीं रहने की जरूरत नहीं है“

गांधी मैदान में संसद भवन का रूप लिए मंच से उन्होंने कहा, “अब समाज की अपनी पार्टी बन गई है। अपनी पार्टी के बैनर तले समाज के हक-अधिकार की लड़ाई पटना से दिल्ली तक लड़ेंगे। जब प्रदेश में तीन प्रतिशत आबादी वाले लोग मुख्यमंत्री पद पर आसीन हो सकते हैं, तो हम 14 प्रतिशत की आबादी वाले क्यों नहीं?“

अपने समर्थकों में उत्साह भरते हुए ’सन ऑफ मल्लाह’ ने कहा, “हम अब एकजुट होकर निषाद समाज के हक में वोट करेंगे और आबादी के हिसाब से ही राजनीति में भागीदारी भी लेंगे। हम बंटकर कमजोर नजर आते हैं, अगर डट जाएं तो इतिहास बदल देंगे।“

इस रैली में संघ द्वारा 11 सूत्री प्रस्ताव पारित की गई, जिसमें निषाद समाज की सभी उपजातियों को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति में अविलंब शामिल करने की मांग प्रमुख है। इसके अलावा राष्ट्रीय मछुआरा आयोग का गठन करने तथा सरकारी, गैर सरकारी बैंकों से सभी तरह के बैंक से अनुदान उपलब्ध कराए जाने की मांग शामिल है।

उन्होंने कहा, “पिछले लोकसभा चुनाव में हमने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का समर्थन किया था। उस समय भाजपा अध्यक्ष अमित साह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरक्षण देने का वादा किया था, मगर अब तक हमारी मांग पूरी नहीं की गई।“

उन्होंने कहा कि उनके धैर्य की परीक्षा ली जा रही है। अगले चुनाव तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तब भाजपा और नीतीश कुमार का विरोध किया जाएगा। उन्होंने अपने कार्यकार्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि अब अपने हक की लड़ाई के लिए पटना से दिल्ली तक संघर्ष होगा।

उन्होंने निषाद समाज के 14 प्रतिशत वोटों की चर्चा करते हुए कहा, “गांधी मैदान में उमड़ी भीड़ से सभी राजनीतिक दलों को अहसास हो गया होगा कि निषाद समाज के वोट के बिना कोई भी नेता जीत नहीं सकता।“

समर्थकों से छह महीने का समय देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, “जिस तरह सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि ’तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’, उसी तरह मैं आपसे कहता हूं, “तुम मुझे पसीना दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। ..आप सिर्फ छह महीने तक बिना थके और बिना रुके मेरा साथ दीजिए। मैं आपको आरक्षण सहित सारे हक-अधिकार दिलवाऊंगा।

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