लखनऊ ! किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कलाम सेंटर में करंट ट्रेंड्स इन जिनोमिक एंड मॉलिक्यूलर विषय पर आयोजित फर्स्ट इंडो यूके ट्रेंनिंग वर्कशॉप के तीसरे और अंतिम दिन अनुवांशिकी बीमारियों को लेकर चर्चा की गई ! वर्कशॉप के तीसरे दिन मुख्य रूप से तीन विषय हंड्रेड थाउजेंड जीनोम प्रोजेक्ट बायो बैंकिंग एवं 41 न्यू अप्रूव्ड मेडिसन को लेकर चर्चा की गई !
इस अवसर पर कार्डिफ़ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विलियम न्यूमैन ने हंड्रेड थाउजेंड जिनोम प्रोजेक्ट के बारे में बताया कि, यूके में उनके विभाग द्वारा एक लाख लोगों के जींस को लेकर एक रिसर्च जारी है ! हालांकि यूरोप एवं एशिया मूल के व्यक्तियों के जींस में काफी आ समानताएं होती हैं ! बावजूद इसके रिसर्च के बाद एशियाई देशों को भी संभवत इस रिसर्च के बाद अनुवांशिकी बीमारियों को पहले के मुकाबले समझने व उनके उपचार मैं आसानी होगी !
डीएनए , आरएनए , को 5 से 10 साल स्टोर करने में हासिल होगी जानकारी
इस वर्कशॉप में प्रोफेसर इनएनुअल हेसेट ने बायो बैंकिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसके द्वारा टिशू , डीएनए , आरएनए , को 5 से 10 साल के लिए स्टोर करने में मदद मिलेगी जिससे किसी कैंसर पेशेंट के इलाज के दौरान उसके जींस में हो रहे बदलाव के बारे में आसानी से जानकारी हासिल हो सकेगी ! इस अवसर पर प्रोफेसर प्रेटीशिया मुनरो ने 41 नई औषधियों को मंजूरी मिलने के बाद एक ही दवाई को कई अन्य बीमारियों में इस्तेमाल करने को लेकर चर्चा एवं जानकारी दी ! डॉक्टर नीतू सिंह ने बताया कि शीघ्र ही केजीएमयू में भी बायो बैंकिंग की शुरुआत की जाएगी इस अवसर पर मुख्य रूप से केजीएमयू कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट , प्रोफेसर धावेंद्र कुमार , प्रोफेसर रविंद्र के गर्ग समेत कई अन्य डॉक्टर एवं प्रोफेसर मौजूद रहे !
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