-निदेशक के हस्ताक्षर से जारी नियमावली का नही हो रहा पालन
-संचालक ने कहा सभी नियम लागू नही
-जिला समाज कल्याण अधिकारी ने कहा सब कुछ निदेशालय से होता है।
सीतापुर-सार्वजनिक शिक्षोन्नयन संस्थान द्वारा संचालित समाज कल्याण विभाग द्वारा अनुदानित बृद्वाश्रम में आने वाले भुगतान का मनमाने ढंग से बंन्दर बाट हो रहा है निदेशालय समाज कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा टेक्निकल बिड के मानको को धता बताते हुए बुजुर्गो के लिए सरकार द्वारा दिये जाने वाले बजट को मनमाने ढंग से ठिकाने लगाने का काम विगत वर्षो से किया जा रहा है जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा समय समय पर वेनिफिसरी निदेशक समाज कल्याण को भेजी जाती है।
मालूम हो कि राज्य सरकार द्वारा संचालित बृद्वाश्रम में जो मानक बनाये गये है उनके आधार पर सार्वजनिक शिक्षोन्नयन संस्थान द्वारा नैमिषारण्य के एक धर्मशाला में आश्रम का संचालन किया जा रहा है नियमानुसार एक बृद्व के रहने के लिए टेक्नििकल विड के अनुसार 55 वर्गफुट आवासन क्षेत्र तथा चार संवासी हेतु एक शौचालय व एक स्नानागार न्यूनतम मानक के अनुसार अनिवार्य होगा। लेकिन यहां व्यवस्था इसके विपरीत है जिस भवन में 120 संवासियो के रहने की जानकारी संचालक द्वारा दी गयी है। यदि जमीन में विस्तर लगाकर लोगो को रहने की व्यवस्था कर दी तो उस आवास में सब का सोना तो दूर बैठना भी सम्भव नही होगा । सूत्र बताते है कि यहा 150 संवासियो का अनुमोदन है उनके लिए 15 लोगो का स्टाफ रहेगा। इस बात से इन्कार नही किया जा सकता है। कि पूरी संख्या का भुगतान लिया जा रहा हो लेकिन इस बाबत जिला समाज कल्याण अधिकारी कुछ भी नही बता पाए इससे ऐसा प्रतीत होता है कि उच्चाधिकारियो की मिलीभगत से यह सारा खेल हो रहा है। जाॅच में जिला समाज कल्याण अधिकारी कहते है कि सब कुछ ठीक चल रहा है लेकिन क्या जाॅच की यह बताने में नाकाम रहे ।
आश्रम के प्रबन्धक डा0 सुशील चन्द्र त्रिवेदी मधुपेश सत्ता के करीबी होने का दावा करते है उनका कहना है विगत 2014 सीतापुर लोकसभा का मै स्वयं दावेदार था यह बात सच भी है कि लोकसभा चुनाव 2014 में उन्होने पूरे लोकसभा क्षेत्र को अपने नाम की होल्डिंग से सजा दिया था यह बात अलग है कि उन्हे चुनाव नही लडना था बल्कि जनपद में अपना रूतबा कायम करना था ताकि उनकी गिनती सत्ता के ताकतवर लेागो में होजाए उसी का फायदा उठाते हुए दर्जनो संस्थाए संचालित कर रहे है हाल ही में आश्रम के किराये को लेकर धर्मशाला प्रबन्धन से विवाद भी हुआ है जिसमे प्रबन्धक द्वारा पुलिस अधीक्षक सीतापुर से न्याय की गुहार लगायी थी।
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