नई दिल्ली। अमेरिकी की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) ने कहा है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने निजी तौर पर पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का आदेश दिया था। हालांकि सऊदी अरब इस हत्या में क्राउन प्रिंस की भूमिका से इनकार करता रहा है। अधिकारी ने बताया कि यह निष्कर्ष तुर्की सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई रिकॉर्डिग और अन्य साक्ष्यों पर आधारित है।
उन्होनें कहा है कि जांचकर्ताओं का यह भी मानना है कि खशोगी की हत्या जैसा ऑपरेशन बिना क्राउन प्रिंस की मंजूरी और संज्ञान के खत्म हो ही नहीं सकता। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सऊदी अरब के दूतावास की प्रवक्ता ने कहा, “ये आरोप और दावे झूठे हैं। हम लगातार इस संदर्भ में अलग-अलग थियोरी सुन रहे हैं।”
सीआईए ने हालांकि अभी इस बारे में किसी तरह का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया एजेंसी का आकलन है कि क्राउन प्रिंस के भाई खालिद बिन सलमान ने खशोगी को फोन कर उन्हें वाणिज्यिक दूतावास जाकर दस्तावेज लाने के लिए प्रोत्साहित किया था।
सूत्रों ने पोस्ट को बताया कि खालिद ने अपने भाई (क्राउन प्रिंस) के आदेश पर यह फोन खशोगी को किया था। हालांकि, खालिद ने ट्वीट कर इससे इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी खशोगी को फोन नहीं किया। सीआईए ने तुर्की द्वारा उपलब्ध कराई गई ऑडियो रिकॉर्डिग की भी जांच की। यह रिकॉर्डिग दूतावास के भीतर की है। इसके साथ ही खशोगी की हत्या के बाद दूतावास के भीतर से किए गए एक फोन कॉल की भी रिकॉर्डिग की जांच की गई।
गौरतलब है कि पत्रकार और स्तंभकार खशोगी की दो अक्टूबर को इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्यिक दूतावास में हत्या कर दी गई थी। वह सऊदी अरब सरकार के मुखर आलोचक थे।
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