उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बीते दिनों हुई हिंसा के मामले में योगी सरकार के खिलाफ राज्य के करीब 83 रिटायर्ड नौकरशाहों ने अपना गुस्सा जाहिर किया है। इतना ही नहीं इन नौकरशाहों ने बुलंदशहर हिंसा को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है। रिटायर्ड अफसरों ने इस बारे में खुला खत लिखकर कहा है कि योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया और वह सिर्फ गोकशी के मामलों पर ही फोकस कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगने वालों में पूर्व अफसर बृजेश कुमार, अदिति मेहता, सुनील मित्रा जैसे बड़े अफसर शामिल हैं। अफसरों ने आरोप लगाया कि बुलंदशहर हिंसा को राजनीतिक रंग दिया गया है। खास बात ये है कि पूर्व नौकरशाहों का ये विरोध ऐसे समय में सामने आया है जब बुलंदशहर हिंसा की जांच SIT ने पूरी कर ली है। इस जांच में खुलासा हुआ है कि हिंसा से पहले गोकशी हुई थी। इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इससे पहले भी कई मसलों पर खुला खत लिखा है। बुलंदशहर हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि एक पुलिस वाले की भीड़ द्वारा हत्या किया जाना बहुत दर्दनाक है, इससे राज्य की कानून व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की है।
आपको बता दें कि 3 दिसंबर, 2018 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी की खबर के बाद हिंसा फैल गई थी। इस दौरान भीड़ ने बुलंदशहर की स्याना पुलिस चौकी पर हमला किया था, इसी में पुलिसकर्मी सुबोध कुमार सिंह समेत दो लोगों की मौत हो गई थी।
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