लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार जहां एक तरफ सरकारी अस्पतालों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी तरफ सरकार, अस्पतालों कि सुविधाओं केलिए करोड़ों रूपये का बजट दे रही है। लेकिन फिर भी सरकारी अस्पताल की व्यावस्था खस्ताहाल देखने को मिल रही है। जी हॉ हम बात कर रहें है, राजधानी के किंग जार्ज चिकित्साविष्वविद्यालय की न्यू ओपीडी यह चारमंजिला इमारत है।जिसमें लगभग 10,000 से 12000 के करीब प्रतिदिन मरीजों की ओपीडी होती है। जिसमें प्रथम तल इन्डोंक्राइन सर्जरी, द्वितीय हिमेटोलॉजी,तृतीय न्यूरोलॉजी ,चर्तुथ पर यरोलॉजी ओपीडी बनी है,जिसमें सभी तलों पर लगा वाटर कूलर पूरीतरह ध्वस्त होने के कारण, यहॉ इलाज कराने आए,मरीजों और उनके तीमारदारों को पीने का पानी न मिलने से बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गौरतब हैं कि, यह समस्याओं को देखते हुए अस्पताल प्रशासन चुप्पी साधे बैठा हैं । जिसमें इस समस्याओं का फायदा उठाते हुए। केजीएमयू प्रशासन में बनी कैंटीन में पानी की बोतल व पाउच बेचकर बेतर धन उगाही कर रहें है।
दूसरी तरफ केजीएमयू के न्यू ओपीडी में दूसरे तल पर बने ब्लड जॉच केलिए लगभग चार काउन्टरों को बनाया गया हैं। लेकिन कर्मचारीयों की अपने मनमाने ढ़ग से काम करने के तरीके से अस्पताल प्रशास भी नतमस्तक नज़र आ रहा है। मंगलवार को कुछ ऐसा की वाक्या देखने को मिला जहॉ सुबह से ब्लड जॉच के चार काउन्टरों में से दो काउन्टरों को खोला गया । जिसमें ब्लड जॉच कराने आये मरीजों की लम्बी—लम्बी लाइने लगने से मरीजों को बड़ी दिक्कतो का सामना कारना पड़ा ।
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