लखनऊ। नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित 40वें राष्ट्रीय अधिवेशन रविवार ऍनएमओ का समापन समारोह किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के अटलबिहारी वाजपेयी कन्वेंशन सेंटर में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्याभारती के राष्ट्रीय संरक्षक ब्रह्मदेव शर्मा ने समारोह में उपस्थित एनएमओ के सदस्यों, चिकित्सकों एवंछात्र-छात्राओं को बाताया कि आपातकाल समाप्त होने के बाद देश के विभिन्न राष्ट्रवादी संगठनों ने एकजुटता के साथ देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया था।
मरीजों के साथ खासतौर पर निर्धन मरीजों के प्रति संवेदना रखने
उन्होंने कहाकि समाज को स्वस्थ्य रखने वाले चिकित्स कों को भी अपनी जीवन शैली को नियमित, संयमित एवं व्यवस्थित बनाए रखनी चाहिए।इसके साथ ही उन्होंने चिकित्सकों को मरीजों के साथ खासतौर पर निर्धन मरीजों के प्रति संवेदना रखने का अनुरोध किया। इसके साथ ही उन्होंने देश में विभिन्न क्षेत्रों में पाए जाने वाली लगभग एक लाख जड़ी बूटियों पर शोध कर उनके द्वारा इलाज किए जाने का अनुरोध किया।ब्रह्मदेव शर्मा ने कहा कि मौजूदा समय में 6 लाख 40 हजार गांव को चिकित्सा सेवा की आवश्यकता है । इसके साथ ही उन्होंने युवा चिकित्सकों से अनुरोध किया कि वह अपने जीवन का कुुछ समय समाज को दें, जिससे एक स्वस्थ्य समाज के निर्माण किया जा सके।साथ ही इस अवसर पर के एनएमओ चेयरपर्सन डाॅ संदीप तिवारी ने समारोह मे उपस्थित अतिथिगणों को एकल पुष्प एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
भारत में पहले होता था औषधियों के प्रयोग से बीमारियों का इलाज
इस अवसर पर यूपीयूएमएस सैफई के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार ने कहा कि जब सम्पूर्ण विश्व औषधियों के बारे में अंजान था उस समय भी भारत में आयुर्वेदिक पद्धति के द्वारा औषधियों के प्रयोग से बीमारियों का इलाज किया जाता था। इसके साथ ही उन्होंने निजी चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं काॅलेज द्वारा कराई जा रही चिकित्सा शिक्षा पर सवाल उठाते हुए,कहा कि इन मेडिकल काॅलेज के पास एमसीआई के गाइडलाइन के अनुरूप न ही फैकेल्टी उपलब्ध है और न ही संसाधन, जिससे भविष्य में तैयार होने वाले चिकित्सकों को लेकर वह अशंकित है।
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