Maut Shayari in Hindi - If you are looking for Maut Shayari in Hindi, you are at the correct page. We have everything you need to post for your blog or social media. Just enjoy the collection and share it!
1. उनसे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत क्या चीज है, ज़िन्दगी वो थी जो हम उनकी महफ़िल में गुजार आए|
2. मोहब्बत और मौत दोनों बिन बुलाए मेहमान होते है, कब आजाए कोई नहीं जानता लेकिन दोनों का एक ही काम है एक को दिल चाहिए दुसरी को धड़कन|
3. मौत से किसकी रिश्तेदारी है आज मेरी तो कल तेरी बरी है|
4. ना जाने मेरी मौत कैसी होगी पर ये तो तय है तेरी बेवफाई से बेहतर होगी|
5. मौत को तो मैंने कभी देखा नहीं, पर यकीनन बहुत खुबसूरत होगी जो भी मिलता है उससे जीना छोड़ देता है|
6. मौत मांगते है तो ज़िन्दगी खफा हो जाती है, जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है, तु बता ऐ ज़िन्दगी तेरा क्या करू, जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है|
7. ज़िन्दगी ज़ख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सीख लो, हारना तो मौत के सामने है फ़िलहाल ज़िन्दगी से जीना सीख लो|
8. मोहब्बत और मौत की पसन्द तो देखो यारो, एक को दिल चाहिए और दुसरे को धड़कन|
9. मौत सिर्फ नाम से बदनाम है वरना तकलीफ तो सिर्फ ज़िन्दगी ही देती है|
10. किसी ने खूब कहा है मौत से किस की यारी है आज मेरी तो कल तेरी बरी है|
11. अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती, तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती, लोग मरने की आरज़ू ना करते अगर मोहब्बत में बेवफाई ना होती|
12. मौत तो सबको आनी है जो दुनिया में आया है उसे एक दिन जाना है|
13. वो ढूंढ रहे थे हमें शायद उन्हें हमारी तलाश थी, पर जहाँ वो खड़े थे वही दफ़न हमारी लाश थी|
14. तेरी ही जुस्तजू में जी लिए इक ज़िंदगी हम, गले मुझको लगाकर खत्म साँसों का सफ़र कर दे|
15. आशिक़ मरते नहीं सिर्फ दफनाए जाते हैं, कब्र खोद कर देखो इंतज़ार में पाए जाते हैं|
16. मौत जिस्म की रिवायत है, रूह को बस लिबास बदलना है|
17. सुलगती जिंदगी से मौत आ जाये तो बेहतर है, हमसे दिल के अरमानों का अब मातम नहीं होता|
18. ढूंढोगे कहाँ मुझको, मेरा पता लेते जाओ, एक कब्र नई होगी एक जलता दिया होगा|
19. जिन्दगी से तो खैर शिकवा था, मुद्दतों मौत ने भी तरसाया|
20. तू बदनाम ना हो इसलिए जी रहा हूँ मैं, वरना मरने का इरादा तो रोज होता है|
21. साँसों के सिलसिले को न दो ज़िंदगी का नाम, जीने के बावजूद भी मर जाते हैं कुछ लोग|
22. आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं, सामान सौ बरस का है पल की ख़बर नहीं|
23. तुम समझते हो कि जीने की तलब है मुझको, मैं तो इस आस में ज़िंदा हूँ कि मरना कब है|
24. मैं उस की आस में यूँ बैठा हूँ जैसे, किसी ला इलाज को इंतेज़ार हो मौत का|
25. मौत बख्शी है जिसने उस मोहब्बत की कसम, अब भी करता हूँ इंतज़ार बैठकर मजार में|
26. मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा| किस्मत में कोई ऐसा लिख दे| जो मौत तक वफा करे|
27. उनसे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत क्या चीज है, ज़िन्दगी वो थी जो हम उनकी महफ़िल में गुजार आए|
28. अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले, वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे |
29. मेरे चेहरे से कफन हटा कर जरा दीदार तो कर लो, ऐ जान बंद हो गई है वो आंखे जिन्हे तुम रुलाया करते थे|
30. पता नहीं कौन सा जहर मिलाया था तुमने मोहब्बत में, ना जिंदगी अच्छी लगती है और ना ही मौत आती है|
31. मौत ओ हस्ती की कश्मकश में कटी उम्र तमाम, गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया|
32. सुलगती जिन्दगी से मौत आ जाये तो बेहतर है, अब हमसे दिल के अरमानों का मातम नही होता|
33. दिल को सुकून मिल जाये ऐसी नींद ना आई कभी, ऐ मौत अब तुझे आज़माने को जी चाहता है|
34. वो कर नहीं रहे थे मेरी बात का यकीन, फिर यूँ हुआ के मर के दिखाना पड़ा मुझे|
35. हर मोड़ पे कोई अपना छूट ही जाता है, ये क्या तरीका है, ए ज़िन्दगी, मौत से रूबरू करने का|
36. रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर, लोगों के मुंह पर राम नाम था और मेरे दिल में बस तेरा नाम|
37. न उड़ाओ यूं ठोकरों से मेरी खाके कब्र ज़ालिम, यही एक रह गई है मेरे प्यार की निशानी|
38. किसी कहने वाले ने भी क्या खूब कहा है कि, मेरी ज़िन्दगी इतनी प्यारी नहीं की मैं मौत से डरूं|
39. आता है कौन कौन तेरे गम को बांटने, ग़ालिब तू अपनी मौत की अफवाह उड़ा के देख|
40. उम्र तमाम बहार की उम्मीद में गुजर गयी, बहार आई है तो पैगाम मौत का लाई है|
41. चूम कर कफ़न में लिपटे मेरे चेहरे को, उसने तड़प के कहा नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते भी नहीं|
42. शुक्र है कि मौत सबको आती है, वरना अमीर तो इस बात का भी मजाक उड़ाते, कि गरीब था इसलिए मर गया|
43. मौत को तो मैंने कभी देखा नहीं, पर यकीनन बहुत खुबसूरत होगी, जो भी मिलता है उससे जीना छोड़ देता है|
44. बड़ी अजीब चीज है ये मौत भी, कभी कभी उस जगह भी मिल जाती है, जहाँ लोग जिंदगी की दुआ मांगने जाया करते है|
45. अक्सर वो मुझसे पूछता है क्या ज़िन्दगी है और क्या मौत, में खामोश रह कर दिल ही दिल में रहती हूँ तुझे पा लिया तो ज़िन्दगी है और खो दिया तो मौत है|
46. कितना ख़ुशनुमा होगा, वो मेरी मौत का मंजर, जब मुझे ठुकराने वाले खुद, मुझे पाने के लिए आंसू बहायेंगे|
47. महफील भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा, ङुबी जो मेरी कश्ती तो साहील भी रोयेगा, हम इतना प्यार बीखेर देगे इस दुनीया मे, के मेरी मौत पे मेरा कातिल भी रोयेगा|
48. इन हसीनो से तो कफ़न अच्छा है, जो मरते दम तक साथ जाता है, ये तो जिंदा लोगो से मुंह मोड़ लेती हैं, कफ़न तो मुर्दों से भी लिपट जाता है|
49. एक दिन जब हुआ इश्क का एहसास उन्हें, वो हमारे पास आके सारा दिन रोते रहे, और हम भी इतने खुदगर्ज निकले यारो आँखे बंद करके कफन में सोते रहे|
50. ऐ मौत कितनी वफ़ा है तुझमें, मैं आज आज़माना चाहता हूँ, जिन्दगी ने बहुत रूलाया है मुझे, तेरा साथ मिले तो मैं जिंदगी को रूलाना चाहता हूँ|
51. मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई, मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई, ऐ खुदा कुछ पल की मोहलत और दे दे, उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई|
52. कब्र के सन्नाटे में से एक आवाज़ आयी, किसी ने फूल रख के आँसू की दो बूंद बहायी, जब तक था जिंदा तब तक ठोकर खायी, अब सो रहा हूं तो उसको मेरी याद आयी|
53. मौत की वादियों से, मैं कभी खुद को बचा तो न पाउंगी, पर जब तक चली साँसे, कसम तेरी ये मोहब्बत निभाऊंगी|
54. जब मेरा जनाज़ा इस ज़माने से निकला, मेरे जनाज़े को देखने सारा ज़माना निकला, मगर मेरे जनाज़े में वो न निकले, जिस के लिए मेरा जनाज़ा में निकला|
55. कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता, गंभीर है किस्सा सुनाया नहीं जाता, एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को, क्योंकि बार बार कफ़न उठाया नहीं जाता|
56. आसमान के परे मुकाम मिल जाए, खुदा को मेरा ये पैगाम मिल जाए, थक गयी है धड़कनें अब तो चलते चलते, ठहरे सांसे तो शायद आराम मिल जाए|
57. मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम, यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा, मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी, कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा|
58. मौत माँगते है तो ज़िन्दगी खफा हो जाती है, जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है, तु बता ऐ ज़िन्दगी तेरा क्या करू, जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है|
59. धरती के गम छुपाने के लिए गगन होता है, दिल के गम छुपाने के लिए बदन होता है, मर के भी छुपाने होंगे गम शायद, इसलिए हर लाश पर कफ़न होता है|
60. इरादा कत्ल का था तो मेरा सिर कलम कर देते, क्यों इश्क में ङाल कर तूने मेरी हर साँस पर मौत लिखदी|
61. मौत सब को आती है, जीना सब को नहीं आता|
62. मौत पर भी यकीन है उस पर भी ऐतबार है, देखते हैं पहले कौन आता है दोनो का इंतज़ार है|
63. अजीब कश्मकश थी कि जान किस को दें, वो भी आ बैठे थे और मौत भी|
64. जीते जी ही मौत तक का अहसास हुआ, और लोग पूछते हैं मुहब्बत️ में क्या ख़ास हुआ|
65. खामखा तुझसे मोहब्बत हो गयी ए जिँदगी, हम तो निकले थे मौत का फ़रमान लेकर|
66. इतनी सादगी से किया उसने इश्क से इनकार, कि साँस भी ना रुकी और मौत का एहसास हो गया|
67. जिंदगी गुजर ही जाती है तकलीफें कितनी भी हो, मौत भी रोकी नही जाती तरकीबें कितनी भी हो|
68. एक ही सूरत में पाते तेरे रंज ओ गम ऐ इश्क से निज़ाद या ज़िन्दगी पाने से पहले या मौत को पाने के बाद|
69. एक बस मौत ही है बे असर तग़ाफ़ुल से या के तवाज़ो' से, बाक़ी तो हर शय ए ज़िंदगी पे, इन दोनों का ही असर देखा है|
70. पसीना मौत का माथे पर आया, आइना लाओ, हम अपनी ज़िन्दगी की आखिरी तस्वीर देखेंगे|
71. जुनून सवार था किसी के अंदर ज़िंदा रहने का, नतीजा ये आया की हम अपने अंदर ही मर गये|
72. इस कम्बख़्त मौत ने सारा फासला ही मिटा दिया एक अमीर को लाकर गरीब के पास ही लिटा दिया|
73. एै मौत ज़रा पहले आना गरीब के घर, कफ़न का खर्च दवाओ में निकल जाता है|
74. जिंदगी तो सारी उम्र संभालती रही, हमें दो पाँवों पर मौत के नखरे तो देखो आते ही कह दिया, मुझे चार कँधे चाहिए|
75. इश्क के दर्द की कुछ नहीं है दवा| जिंदगी को तड़फ कर मिटाना पड़ा|
76. प्यार हमने किया भूल हमसे हुई| दर्द हमको ज़िग़र से लगाना पड़ा|
77. साथ तेरा मिला ही नही जिंदगी| लौट कर फिर हमें दूर जाना पड़ा|
78. बेबसी नाम है जिंदगी दोस्तों| कर्म का फल सभी को उठाना पड़ा|
79. साथ तेरा मिला ही नही जिंदगी| लौट कर फिर हमें दूर जाना पड़ा|
80. रोज लड़ता रहा जिंदगी से मगर| मौत के सामने सिर झुकाना पड़ा|
81. बेवफा से हुआ सामना जब कभी| दर्द हँसकर हमें बस छुपाना पड़ा|
82. दर्द में भी हमें मुस्कुराना पड़ा| जख़्म दिल का सभी से छुपाना पड़ा|
83. अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले, वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे|
84. तुम समझते हो कि जीने की तलब है मुझको, मैं तो इस आस में ज़िंदा हूँ कि मरना कब है|
85. जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले, इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो|
86. कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे, ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे, यूं घुट घुट के जीने से तो मौत बेहतर है, मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे|
87. उम्र तमाम बहार की उम्मीद में गुजर गयी, बहार आई है तो पैगाम मौत का लाई है|
88. न उड़ाओ यूं ठोकरों से मेरी खाके कब्र ज़ालिम, यही एक रह गई है मेरे प्यार की निशानी|
89. सुलगती जिंदगी से मौत आ जाये तो बेहतर है, हमसे दिल के अरमानों का अब मातम नहीं होता|
90. ढूंढोगे कहाँ मुझको, मेरा पता लेते जाओ, एक कब्र नई होगी एक जलता दिया होगा|
91. एक दिन जब हुआ इश्क का एहसास उन्हें, वो हमारे पास आके सारा दिन रोते रहे, और हम भी इतना खुदगर्ज निकले यारो आँखे बंद करके कफन में सोते रहे|
92. मौत को तो मैंने कभी देखा नहीं, पर यकीनन बहुत खुबसूरत होगी, जो भी मिलता है उससे जीना छोड़ देता है|
93. ज़िन्दगी ज़ख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सीख लो, हारना तो मौत के सामने है फ़िलहाल ज़िन्दगी से जीना सीख लो|
94. अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले, वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे |
95. मेरी ज़िंदगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे, मेरी मौत को भी कोई बहाना चाहिए|
96. यहाँ गरीब को मरने की इसलिए भी जल्दी है साहब, कहीं जिन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाए|
97. आशिक़ मरते नहीं सिर्फ दफनाए जाते हैं, कब्र खोद कर देखो इंतज़ार में पाए जाते हैं|
98. इंतज़ार है हमें तो बस अपनी मौत का, उनका वादा है कि उस दिन मुलाकात होगी|
99. खुशी आपके लिए गम हमारे लिए, जिंदगी आपके लिए मौत हमारे लिए, हँसी आपके लिए रोना हमारे लिए, सबकुछ आपके लिए आप हमारे लिए|
100. उसकी यादों ने मुझे पागल बना रखा है, कहीं मर ना जाऊं कफ़न सिला रखा है, मेरा दिल निकाल लेना दफ़नाने से पहले, वो ना दब जाए जिसे दिल मे बसा रखा है|
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Maut Shayari in Hindi
2. मोहब्बत और मौत दोनों बिन बुलाए मेहमान होते है, कब आजाए कोई नहीं जानता लेकिन दोनों का एक ही काम है एक को दिल चाहिए दुसरी को धड़कन|
3. मौत से किसकी रिश्तेदारी है आज मेरी तो कल तेरी बरी है|
4. ना जाने मेरी मौत कैसी होगी पर ये तो तय है तेरी बेवफाई से बेहतर होगी|
5. मौत को तो मैंने कभी देखा नहीं, पर यकीनन बहुत खुबसूरत होगी जो भी मिलता है उससे जीना छोड़ देता है|
6. मौत मांगते है तो ज़िन्दगी खफा हो जाती है, जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है, तु बता ऐ ज़िन्दगी तेरा क्या करू, जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है|
7. ज़िन्दगी ज़ख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सीख लो, हारना तो मौत के सामने है फ़िलहाल ज़िन्दगी से जीना सीख लो|
8. मोहब्बत और मौत की पसन्द तो देखो यारो, एक को दिल चाहिए और दुसरे को धड़कन|
9. मौत सिर्फ नाम से बदनाम है वरना तकलीफ तो सिर्फ ज़िन्दगी ही देती है|
10. किसी ने खूब कहा है मौत से किस की यारी है आज मेरी तो कल तेरी बरी है|
11. अगर दुनिया में जीने की चाहत ना होती, तो खुदा ने मोहब्बत बनाई ना होती, लोग मरने की आरज़ू ना करते अगर मोहब्बत में बेवफाई ना होती|
12. मौत तो सबको आनी है जो दुनिया में आया है उसे एक दिन जाना है|
13. वो ढूंढ रहे थे हमें शायद उन्हें हमारी तलाश थी, पर जहाँ वो खड़े थे वही दफ़न हमारी लाश थी|
14. तेरी ही जुस्तजू में जी लिए इक ज़िंदगी हम, गले मुझको लगाकर खत्म साँसों का सफ़र कर दे|
15. आशिक़ मरते नहीं सिर्फ दफनाए जाते हैं, कब्र खोद कर देखो इंतज़ार में पाए जाते हैं|
16. मौत जिस्म की रिवायत है, रूह को बस लिबास बदलना है|
17. सुलगती जिंदगी से मौत आ जाये तो बेहतर है, हमसे दिल के अरमानों का अब मातम नहीं होता|
18. ढूंढोगे कहाँ मुझको, मेरा पता लेते जाओ, एक कब्र नई होगी एक जलता दिया होगा|
19. जिन्दगी से तो खैर शिकवा था, मुद्दतों मौत ने भी तरसाया|
20. तू बदनाम ना हो इसलिए जी रहा हूँ मैं, वरना मरने का इरादा तो रोज होता है|
21. साँसों के सिलसिले को न दो ज़िंदगी का नाम, जीने के बावजूद भी मर जाते हैं कुछ लोग|
22. आगाह अपनी मौत से कोई बशर नहीं, सामान सौ बरस का है पल की ख़बर नहीं|
23. तुम समझते हो कि जीने की तलब है मुझको, मैं तो इस आस में ज़िंदा हूँ कि मरना कब है|
24. मैं उस की आस में यूँ बैठा हूँ जैसे, किसी ला इलाज को इंतेज़ार हो मौत का|
25. मौत बख्शी है जिसने उस मोहब्बत की कसम, अब भी करता हूँ इंतज़ार बैठकर मजार में|
26. मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ ऐ खुदा| किस्मत में कोई ऐसा लिख दे| जो मौत तक वफा करे|
27. उनसे बिछड़े तो मालूम हुआ मौत क्या चीज है, ज़िन्दगी वो थी जो हम उनकी महफ़िल में गुजार आए|
28. अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले, वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे |
29. मेरे चेहरे से कफन हटा कर जरा दीदार तो कर लो, ऐ जान बंद हो गई है वो आंखे जिन्हे तुम रुलाया करते थे|
30. पता नहीं कौन सा जहर मिलाया था तुमने मोहब्बत में, ना जिंदगी अच्छी लगती है और ना ही मौत आती है|
31. मौत ओ हस्ती की कश्मकश में कटी उम्र तमाम, गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया|
32. सुलगती जिन्दगी से मौत आ जाये तो बेहतर है, अब हमसे दिल के अरमानों का मातम नही होता|
33. दिल को सुकून मिल जाये ऐसी नींद ना आई कभी, ऐ मौत अब तुझे आज़माने को जी चाहता है|
34. वो कर नहीं रहे थे मेरी बात का यकीन, फिर यूँ हुआ के मर के दिखाना पड़ा मुझे|
35. हर मोड़ पे कोई अपना छूट ही जाता है, ये क्या तरीका है, ए ज़िन्दगी, मौत से रूबरू करने का|
36. रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर, लोगों के मुंह पर राम नाम था और मेरे दिल में बस तेरा नाम|
37. न उड़ाओ यूं ठोकरों से मेरी खाके कब्र ज़ालिम, यही एक रह गई है मेरे प्यार की निशानी|
38. किसी कहने वाले ने भी क्या खूब कहा है कि, मेरी ज़िन्दगी इतनी प्यारी नहीं की मैं मौत से डरूं|
39. आता है कौन कौन तेरे गम को बांटने, ग़ालिब तू अपनी मौत की अफवाह उड़ा के देख|
40. उम्र तमाम बहार की उम्मीद में गुजर गयी, बहार आई है तो पैगाम मौत का लाई है|
41. चूम कर कफ़न में लिपटे मेरे चेहरे को, उसने तड़प के कहा नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते भी नहीं|
42. शुक्र है कि मौत सबको आती है, वरना अमीर तो इस बात का भी मजाक उड़ाते, कि गरीब था इसलिए मर गया|
43. मौत को तो मैंने कभी देखा नहीं, पर यकीनन बहुत खुबसूरत होगी, जो भी मिलता है उससे जीना छोड़ देता है|
44. बड़ी अजीब चीज है ये मौत भी, कभी कभी उस जगह भी मिल जाती है, जहाँ लोग जिंदगी की दुआ मांगने जाया करते है|
45. अक्सर वो मुझसे पूछता है क्या ज़िन्दगी है और क्या मौत, में खामोश रह कर दिल ही दिल में रहती हूँ तुझे पा लिया तो ज़िन्दगी है और खो दिया तो मौत है|
46. कितना ख़ुशनुमा होगा, वो मेरी मौत का मंजर, जब मुझे ठुकराने वाले खुद, मुझे पाने के लिए आंसू बहायेंगे|
47. महफील भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा, ङुबी जो मेरी कश्ती तो साहील भी रोयेगा, हम इतना प्यार बीखेर देगे इस दुनीया मे, के मेरी मौत पे मेरा कातिल भी रोयेगा|
48. इन हसीनो से तो कफ़न अच्छा है, जो मरते दम तक साथ जाता है, ये तो जिंदा लोगो से मुंह मोड़ लेती हैं, कफ़न तो मुर्दों से भी लिपट जाता है|
49. एक दिन जब हुआ इश्क का एहसास उन्हें, वो हमारे पास आके सारा दिन रोते रहे, और हम भी इतने खुदगर्ज निकले यारो आँखे बंद करके कफन में सोते रहे|
50. ऐ मौत कितनी वफ़ा है तुझमें, मैं आज आज़माना चाहता हूँ, जिन्दगी ने बहुत रूलाया है मुझे, तेरा साथ मिले तो मैं जिंदगी को रूलाना चाहता हूँ|
51. मिट्टी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई, मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई, ऐ खुदा कुछ पल की मोहलत और दे दे, उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई|
52. कब्र के सन्नाटे में से एक आवाज़ आयी, किसी ने फूल रख के आँसू की दो बूंद बहायी, जब तक था जिंदा तब तक ठोकर खायी, अब सो रहा हूं तो उसको मेरी याद आयी|
53. मौत की वादियों से, मैं कभी खुद को बचा तो न पाउंगी, पर जब तक चली साँसे, कसम तेरी ये मोहब्बत निभाऊंगी|
54. जब मेरा जनाज़ा इस ज़माने से निकला, मेरे जनाज़े को देखने सारा ज़माना निकला, मगर मेरे जनाज़े में वो न निकले, जिस के लिए मेरा जनाज़ा में निकला|
55. कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता, गंभीर है किस्सा सुनाया नहीं जाता, एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को, क्योंकि बार बार कफ़न उठाया नहीं जाता|
56. आसमान के परे मुकाम मिल जाए, खुदा को मेरा ये पैगाम मिल जाए, थक गयी है धड़कनें अब तो चलते चलते, ठहरे सांसे तो शायद आराम मिल जाए|
57. मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम, यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा, मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी, कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा|
58. मौत माँगते है तो ज़िन्दगी खफा हो जाती है, जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है, तु बता ऐ ज़िन्दगी तेरा क्या करू, जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है|
59. धरती के गम छुपाने के लिए गगन होता है, दिल के गम छुपाने के लिए बदन होता है, मर के भी छुपाने होंगे गम शायद, इसलिए हर लाश पर कफ़न होता है|
60. इरादा कत्ल का था तो मेरा सिर कलम कर देते, क्यों इश्क में ङाल कर तूने मेरी हर साँस पर मौत लिखदी|
61. मौत सब को आती है, जीना सब को नहीं आता|
62. मौत पर भी यकीन है उस पर भी ऐतबार है, देखते हैं पहले कौन आता है दोनो का इंतज़ार है|
63. अजीब कश्मकश थी कि जान किस को दें, वो भी आ बैठे थे और मौत भी|
64. जीते जी ही मौत तक का अहसास हुआ, और लोग पूछते हैं मुहब्बत️ में क्या ख़ास हुआ|
65. खामखा तुझसे मोहब्बत हो गयी ए जिँदगी, हम तो निकले थे मौत का फ़रमान लेकर|
66. इतनी सादगी से किया उसने इश्क से इनकार, कि साँस भी ना रुकी और मौत का एहसास हो गया|
67. जिंदगी गुजर ही जाती है तकलीफें कितनी भी हो, मौत भी रोकी नही जाती तरकीबें कितनी भी हो|
68. एक ही सूरत में पाते तेरे रंज ओ गम ऐ इश्क से निज़ाद या ज़िन्दगी पाने से पहले या मौत को पाने के बाद|
69. एक बस मौत ही है बे असर तग़ाफ़ुल से या के तवाज़ो' से, बाक़ी तो हर शय ए ज़िंदगी पे, इन दोनों का ही असर देखा है|
70. पसीना मौत का माथे पर आया, आइना लाओ, हम अपनी ज़िन्दगी की आखिरी तस्वीर देखेंगे|
71. जुनून सवार था किसी के अंदर ज़िंदा रहने का, नतीजा ये आया की हम अपने अंदर ही मर गये|
72. इस कम्बख़्त मौत ने सारा फासला ही मिटा दिया एक अमीर को लाकर गरीब के पास ही लिटा दिया|
73. एै मौत ज़रा पहले आना गरीब के घर, कफ़न का खर्च दवाओ में निकल जाता है|
74. जिंदगी तो सारी उम्र संभालती रही, हमें दो पाँवों पर मौत के नखरे तो देखो आते ही कह दिया, मुझे चार कँधे चाहिए|
75. इश्क के दर्द की कुछ नहीं है दवा| जिंदगी को तड़फ कर मिटाना पड़ा|
76. प्यार हमने किया भूल हमसे हुई| दर्द हमको ज़िग़र से लगाना पड़ा|
77. साथ तेरा मिला ही नही जिंदगी| लौट कर फिर हमें दूर जाना पड़ा|
78. बेबसी नाम है जिंदगी दोस्तों| कर्म का फल सभी को उठाना पड़ा|
79. साथ तेरा मिला ही नही जिंदगी| लौट कर फिर हमें दूर जाना पड़ा|
80. रोज लड़ता रहा जिंदगी से मगर| मौत के सामने सिर झुकाना पड़ा|
81. बेवफा से हुआ सामना जब कभी| दर्द हँसकर हमें बस छुपाना पड़ा|
82. दर्द में भी हमें मुस्कुराना पड़ा| जख़्म दिल का सभी से छुपाना पड़ा|
83. अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले, वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे|
84. तुम समझते हो कि जीने की तलब है मुझको, मैं तो इस आस में ज़िंदा हूँ कि मरना कब है|
85. जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले, इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो|
86. कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे, ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे, यूं घुट घुट के जीने से तो मौत बेहतर है, मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे|
87. उम्र तमाम बहार की उम्मीद में गुजर गयी, बहार आई है तो पैगाम मौत का लाई है|
88. न उड़ाओ यूं ठोकरों से मेरी खाके कब्र ज़ालिम, यही एक रह गई है मेरे प्यार की निशानी|
89. सुलगती जिंदगी से मौत आ जाये तो बेहतर है, हमसे दिल के अरमानों का अब मातम नहीं होता|
90. ढूंढोगे कहाँ मुझको, मेरा पता लेते जाओ, एक कब्र नई होगी एक जलता दिया होगा|
91. एक दिन जब हुआ इश्क का एहसास उन्हें, वो हमारे पास आके सारा दिन रोते रहे, और हम भी इतना खुदगर्ज निकले यारो आँखे बंद करके कफन में सोते रहे|
92. मौत को तो मैंने कभी देखा नहीं, पर यकीनन बहुत खुबसूरत होगी, जो भी मिलता है उससे जीना छोड़ देता है|
93. ज़िन्दगी ज़ख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सीख लो, हारना तो मौत के सामने है फ़िलहाल ज़िन्दगी से जीना सीख लो|
94. अब मौत से कह दो कि नाराज़गी खत्म कर ले, वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे |
95. मेरी ज़िंदगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे, मेरी मौत को भी कोई बहाना चाहिए|
96. यहाँ गरीब को मरने की इसलिए भी जल्दी है साहब, कहीं जिन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाए|
97. आशिक़ मरते नहीं सिर्फ दफनाए जाते हैं, कब्र खोद कर देखो इंतज़ार में पाए जाते हैं|
98. इंतज़ार है हमें तो बस अपनी मौत का, उनका वादा है कि उस दिन मुलाकात होगी|
99. खुशी आपके लिए गम हमारे लिए, जिंदगी आपके लिए मौत हमारे लिए, हँसी आपके लिए रोना हमारे लिए, सबकुछ आपके लिए आप हमारे लिए|
100. उसकी यादों ने मुझे पागल बना रखा है, कहीं मर ना जाऊं कफ़न सिला रखा है, मेरा दिल निकाल लेना दफ़नाने से पहले, वो ना दब जाए जिसे दिल मे बसा रखा है|
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