लखनऊ । हजरतगंज की साइबर क्राइम व विभूतिखण्ड पुलिस की संयुक्त टीम ने ईमेल आईडी के जरिए ठगी करने वाले गिरोह का पदार्फाश करते हुए एक नाइजीरियन समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गये आरोपितों के पास से 110660 रुपये की नकदी, 27 एटीएम कार्ड, 10 चेक बुक, 3 पासबुक, 14 मोबाइल फोन, दो पैन कार्ड ,आधार कार्ड,वोटर आईडी कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।
एएसपी पूर्वी सुरेश चंद्र रावत ने खुलासा करते हुए बताया कि गिरफ्त में आये आरोपित हाई प्रोफाइल लेवल के लोगों को निशाना बनाते थे। इस संबंध में विभूतिखंड कोतवाली में राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के एमडी की ओर से एक फर्जी मेल के माध्यम से रूपये निकाले जाने का मामला दर्ज हुआ था। इस प्रकरण में साइबर क्राइम सेल व विभूतिखण्ड पुलिस की टीम को लगाया गया था। इसी दौरान सूचना मिली कि दिल्ली व लखनऊ में उक्त तरीके से ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय है। इस सूचना पर नाइजेरियन समेत चार आरोपितों को दिल्ली व तीन लोगों को लखनऊ विभूतिखण्ड से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों ने अपना नाम व पता ऑस्कर पुत्र ओकेन्यू निवासी वार्ड नंबर 3 महरौली नई दिल्ली मूल पता मकान नम्बर 56 ओपोवो रोड आईएमओ स्टेट नाइजीरिया, मोहम्मद नौशाद पुत्र अब्बास निवासी कसाई मोहल्ला औरंगाबाद बिहार , रिजवानउल्लाह पुत्र हाजी अहमदुल्लाह निवासी तिवारीपुर जनपद गोरखपुर, प्रवीण जायसवाल पुत्र ईश्वर चंद्र निवासी मेहदावल जनपद संत कबीर नगर , गयासुद्दीन खान पुत्र जमालुद्दीन खान निवासी घोसीपुर थाना तिवारीपुर जनपद गोरखपुर, परवेज पुत्र हसन अहमद निवासी निजामपुर थाना तिवारीपुर गोरखपुर व अशीष जायसवाल पुत्र राधेश्याम जयसवाल निवासी राप्ती नगर थाना शाहपुर जनपद गोरखपुर बताया है। पुलिस का दावा है कि गैंग के सदस्य करोड़ों रूपयों की ठगी कर चुके हैं। पुलिस अन्य जनपदों में संदिग्धों के बैंक खातों को खंगालने में जुटी है।
हाई प्रोफाइल लोगों को बनाते थे निशाना
एएसपी पूर्वी ने बताया कि गैंग के सदस्य ज्यादा व्यस्त लोगों को निशाना बनाकर उनके साथ ठगी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के एमडी की ओर से एक फर्जी मेल के माध्यम से लाखों रूपये निकाले जाने का मामला विभूतिखण्ड में दर्ज हुआ था। पीडि़त ने बताया कि उनके अधीनस्थ अधिकारी को फर्जी मेल के माध्यम से स्पूफ करके मेल भेजी जाती थी। जिसमें उन्हें आदेशित किया जाता जाता है कि 950000 की धनराशि को तुरंत ट्रांसफर कर दिया जाए। इसके बाद आरोपित उक्त धनराशि को विभिन्न खातों में भेत निकाल लिया गया। पुलिस ने बताया कि लखनऊ व आसपास के जिलों में भी गैंग के सदस्यों द्वारा कई घटनाओं को अंजाम देने की बात कही है।
रूपयों का लालच देकर खुलवाते थे खाता
पूछताछ में नाइजीरियन नागरिक ऑस्कर ने बताया कि गैंग के सदस्य मेल स्पूफिंग करके बड़ी-बड़ी कंपनियों व संस्थाओं को निशाना बनाते थे। आरोपपित ने बताया कि उन खातों से करोड़ों रुपए का स्थानांतरण कर नेट बैंकिंग के करके विभिन्न खातों में रूपयों को भेज देते थे। आरोपित रूपयों का लालच देकर गरीब तबके के लोगों से खाता खोलवाते थे और ठगी के रूपयों को उसमें भेज देते है। पुलिस ने बताया कि पूछताछ में पता चला कि अभी तक करोड़ों रुपए की ठगी गैंग के द्वारा की जा चुकी है। वहीं ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स गोरखपुर के खातों में से एक करोड़ 31 हजार 464 रूपये का स्थानांतरण किया जा चुका है।
No comments:
Post a Comment