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Tuesday 30 April 2019

डीएम के प्रस्ताव को जल संसाधन विभाग ने दी मंज़ूरी , शर्तों पर बंद बालू घाट होगा चालू

सोन तट से 50 फीट की दूरी वाले ह्यूम पाईप या स्टील पुलिया से वाहनों के परिचालन की अनुमति ,नहीं होगा आम रास्ता

>> संरचना होगा अस्थायी ,मानसून पूर्व नदी से हटा लेना होगा पुलिया, जल मार्ग अवरोध नहीं हो इसका रखना होगा ख्याल

>> महाबलीपुर घाट पर अवैध खनन को लेकर पटना हाईकोर्ट में दाखिल हैं जनहित याचिका

>> एनजीटी के निर्देश के बाद बंद हो गया था कई बालू घाट  ,जांच में जल धारा अवरोध की नहीं आयी बात

रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं ) । बालू कारोबारियों के लिए राहत भरी और फायदे वाली खबर हैं । डीएम के प्रस्ताव को जल संसाधन ने मंजूरी दे दिया हैं । शर्तों पर आधारित बंद आधा दर्जन बालू घाट को चालू करने का निर्देश दिया गया हैं ।
सोन नदी में जल मार्ग को अवरोध करने की शिकायत ग्रामीण द्वारा किया गया था। ग्रामीणों का आरोप था की सोन नदी में बालू कारोबारियों ने बिना एनओसी लिये ही स्टील पुलिया और ह्यूम पाईप लगाकर जल मार्ग को अवरोध कर दिया हैं । एनजीटी के निर्देश पर जांच के बाद खनन विभाग ने पालीगंज अनुमंडल के कटारी, जनपारा, जनपारा-1 ,महबलीपुर और पांडेचक घाट पर बालू खनन पर रोक लगा दिया गया था।
कारोबार में क्षति को लेकर ब्रॉडसन कंपनी ने एनओसी के लिए खनन विभाग और जल संसाधन को आवेदन दिया था। जिलाधिकारी पटना ने सोन नदी में माल वाहक वाहनों के परिचालन को लेकर अस्थायी पुलिया का निर्माण को लेकर जल संसाधन को प्रस्ताव भेजा था। जल संसाधन के चीफ इंजीनियर हरिनारायण की जांच टीम ने उक्त स्थलों का निरीक्षण किया । इसके बाद शर्तों पर आधारित ह्यूम पाईप और स्टील पुलिया का अस्थायी निर्माण का अनुमति दिया हैं । जांच टीम वे पाया की बिना अनुमति के कटारी, जनपारा, महबलीपुर, पांडेचक में जो अस्थायी पुल का निर्माण है, उससे जल अवरोध नहीं हो रहा हैं ।इसके बाद जल संसाधन विभाग ने मालवाहक वाहनों की परिचालन के लिए अनुमति प्रदान कर दिया हैं ।वहीं जानकारी हो की महबलीपुर में अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों ने खनन विभाग में शिकायत किया हैं की अवैध खनन किया जा रहा है, पर्यावरण की क्षति हुई हैं । इसको लेकर पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल हैं ,जिसपर सरकार ,एनजीटी को नोटिस हु हैं ।
चीफ इंजीनियर के पत्रांक 1110 ,दिनांक 26-04-19 द्वारा जो शर्तं दी गयी है-

1. यह व्यवस्था बिल्कुल अस्थायी होगी ,नदी किनारे किसी प्रकार के कटाव की समस्या नहीं हो इसलिए किनारे से कम से कम 50 मीटर की दूरी के पश्चात ही ह्यूम पाईप या स्टील पुलिया का निर्माण कार्य किया जाय।

2. ह्यूम पाइप के जल मार्ग में किसी प्रकार का अवरोध नहीं हो, इसलिए इसकी साफ सफाई की व्यवस्था नियमित रूप से कराने की जिम्मेवारी एजेंसी को होगी ।

3. संरचनाएं बिल्कुल अस्थायी एवं निजी प्रयोग के लिए हैं ।इसलिए इसकी स्थायीत्व एवं मजबूती की जिम्मेवारी एजेंसी को होगी ।

4. एजेंसी  को इस आशय का सूचना पट्ट लगाना होगा की पहुंच मार्ग आम जनों के प्रयोग के लिए नहीं हैं ।

5. मानसून के पूर्व संरचनाओं को एजेंसी के स्वंय व्यय पर नदी से हटाया जाना बाध्यकारी होगा ।

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