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Thursday, 30 May 2019

विश्वसनीयता के मानक पर हिन्दी पत्रकारिता सर्वोपरि-प्रो0 आर0एन0त्रिपाठी

उ0प्र0 श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने आयोजित किया हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर संगोष्ठी।

जौनपुर। उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन सम्बद्ध(आई.एफ.डब्ल्यू.जे.) की जनपद इकाई के तत्वाधान में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर ‘‘हिंदी पत्रकारिता के समक्ष चुनौतियां‘‘ विषयक संगोष्ठी का आयोजन, कलेक्ट्रेट परिसर स्थित सामुदायिक भवन/पत्रकार भवन में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता तरुणमित्र के समूह संपादक कैलाशनाथ ने किया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर आर.एन. त्रिपाठी एवं विशिष्ट अतिथि डॉ दिलीप कुमार सिंह और डॉ मनोज मिश्र विभागाध्यक्ष पत्रकारिता एवम् जनसंचार विभाग पूर्वांचल विश्वविद्यालय रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। संचालन डॉ यशवंत सिंह ने किया।
उत्तर प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष विजय प्रकाश मिश्र ने अतिथियों और अभ्यागतों का स्वागत करते हुए हिंदी पत्रकारिता की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने की आवश्यकता है इस अवसर पर कामरेड जयप्रकाश सिंह ने कहा कि हिंदी साहित्य का पत्रकारिता में बड़ा योगदान है। इसी का परिणाम है कि आज हिंदी पत्रकारिता यत्र-तत्र-सर्वत्र हिंदुस्तान में हिंदी राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त करने की क्षमता हासिल कर चुकी है। पत्रकार अपने को श्रमजीवी मानने लगा है जिससे कलम और फावड़े का भेद मिट गया है यही हमारी ताकत है। संपादक साजिद ने कहा कि अखबार निकालना जितना आसान है चलाना उतना ही मुश्किल है। पत्रकार पत्रकारिता का स्तर बरकरार रखते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।
जूरी मेंबर डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह ने सारगर्भित संबोधन में कहा कि कलम की ताकत के आगे ना कोई ताकत टिकी है न टिकेगी आवश्यकता है अपनी शक्ति को पहचान कर एकजुट होने की। उन्होंने कहा नारद सबसे बड़े खोजी पत्रकार थे महाभारत के संजय और पंडित जुगल किशोर शुक्ला के आदर्शों और संघर्षों से प्रेरणा ले। पत्रकार इतना ना झुके की शर्मिंदा होना पड़े अपने मिशन में संतुलन और समन्वय स्थापित करके ही चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकता है। संपादक जयप्रकाश मिश्र ने कहा कि पूरी दुनिया में हिंदी पत्रकारिता का महत्व बढ़ा है जो गर्व की बात है। चुनौतियां ही आगे का संबल बनती है।ं तरुणमित्र के संपादक आदर्श कुमार ने हिंदी पत्रकारिता के 193 साल पुराने इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया अखबार के लिए चुनौती है इसे स्वीकार करके आगे बढ़ना होगा। पत्रकार एकता समय की मांग है एक दूसरे को कम आंकने की प्रवृत्ति पर रोक लगाकर ही हम प्रगति कर सकते हैं। चंद्रमणि पांडे ने हिंदी पत्रकारिता के संबंध में कानूनी जानकारी का उल्लेख किया और पत्रकारिता की उपयोगिता बताई। पूर्वांचल विश्वविद्यालय पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता का दुनिया के कोने-कोने में प्रसार है। साहित्यिक अवदान चिंता की बात है भारतीय सभ्यता और संस्कृति ही हिंदी पत्रकारिता को चरमोत्कर्ष तक ले जा सकती है तो फिर मिशन प्रोफेशन से फिर मिशन की ओर लौटना होगा दोनों में सामंजस्य जरूरी है। मुख्य अतिथि ने समूह संपादक कैलाशनाथ को जनपद का गौरव बताते हुए कहा कि इनका पत्रकारिता का सफर अनुकरणीय है। पत्रकारिता व्रत थी अब वृत्ति हो गई है इस पर गहन मंथन करके अपनी राह खुद निकालनी होगी। चुनौतियां चरण चूमेगी आचरण की शक्ति को लेखनी में उतारना ही पत्रकारिता है मानवीय संवेदनाओं के संप्रेषण से चुनौतियां पीछे हटेंगी सरकारी मशीनरी पत्रकारिता को खरीदने में तत्पर है। ऐसे में लेखनी को बचाए रखना चुनौती है। अपने और पत्रकारिता के वजूद को विस्मृति करना आत्मघाती होगा। उन्होंने कहा कि विश्वसनीयता के मानक पर हिंदी अखबार सर्वोपरि है। सोशल मीडिया का स्थान बहुत पीछे और अविश्वस्नीय है। कार्यक्रम अध्यक्ष समूह संपादक कैलाश नाथ ने कहा कि पत्रकारिता के लिए स्वयं समस्या है पत्रकार। अपनी क्षमता का उपयोग ईमानदारी और निष्ठा के साथ करें यही समय की मांग है। एक दूसरे के दुख दर्द के साथी बनकर मानवीय संवेदना को उजागर करें हिंदी पत्रकारिता का महत्व भी घटा है ना घटेगा। आचरण में सत्यता आवश्यक है समस्याएं आएंगी और जाएंगी धैर्य न खोए सत्य कभी पराजित नहीं होता या ध्रुव सत्य है समाज में परिवर्तन के लिए खुद परिवर्तित होना होगा। श्रेष्टता और इमानदारी का संभल न छोड़ें एकजुट रहे सब कुछ आसान हो जाएगा अतिथियों एवं अभ्यागतोें के प्रति महामंत्री संतोष कुमार संोंथालिया ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर कैलाशनाथ मिश्र, प्रेम प्रकाश मिश्र, डाॅ.यशवंत गुप्ता, डॉ ज्ञान प्रकाश सिंह, अजय दुबे, प्रमोद कुमार पांडे, नौशाद अली, अरुण कुमार यादव, चंद्र प्रकाश तिवारी, ओम प्रकाश यादव, जुबेर अहमद, रियाजुल हक, प्रमोद कुमार माली, ज्ञानेश्वर पाठक, प्रमोद कुमार दुब,े संजय कुमार दुबे, गंगा प्रसाद चैबे ,सुनील कुमार श्रीवास्तव, संजय शुक्ला ,बिहारी लाल, मंगला प्रसाद तिवारी, सुशील कुमार स्वामी, सूरज साहू, संतोष कुमार श्रीवास्तव, दीपक वर्मा, गोवर्धन पांडे, संतोष चतुर्वेदी, आलोक कुमार सिंह, शुभम श्रीवास्तव, विरेंद्र पांडेय, संजय कुमार, महेंद्र, ओम प्रकाश दुबे ,अखिलेश पांडे, लाल बहादुर यादव, बीडी मिश्रा ,अखिलेश कुमार यादव सहित अन्य पत्रकारगण उपस्थित थे।

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