पीएम के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले सांसदों के लिए पूरे दिन अलर्ट रहा मंडल रेल प्रशासन
चारबाग स्टेशन पर देर रात पहुंची पटना-कोटा एक्सप्रेस में जैसे-तैसे करके आगरा पहुंचे हजारों परीक्षार्थी
तरुणमित्र। पीएम मोदी ने दोबारा रिकॉॅर्ड बहुमत के साथ सत्ता में दोबारा वापसी की और गुरूवार को तयशुदा कार्यक्रम के तहत उनकी शानदार ताजपोशी भी हुई। इसमें भी कोई संशय नहीं हो सकता है कि…अबकी बार फिर से मोदी सरकार को स्पष्ट जनादेश देने में बहुत बड़ा हाथ खासकर युवा वोटरों का है। ऐसे में मोदी और उनकी पूरी टीम ने इस बात को स्वीकारा भी। और आगे भी इनसें से इन युवाओं के बेहतर भविष्य के दृष्टिगत केंद्र व राज्य सरकारों को गंभीर प्रयास करने के संकेत भी दिए। लेकिन यही बेरोजगार युवाओं का रेला जब एक अदद रोजगार की आस में अपने गृह स्थान से दूसरे शहरों की तरफ रुख करता है तो उसकी सारी आशाओं पर पानी फिर जाता है…वजह उसके आवागमन के लिए रेलवे द्वारा समुचित या पूर्व में व्यवस्था नहीं किया जाना। ऐसे में जब भी किसी प्रतियोगी परीक्षा की डेट आती है तो परीक्षार्थियों को पहले से ही रेलवे की अपर्याप्त व्यवस्थाओं से जूझने के लिए मानसिक व शारीरिक रूप से तैयार रहना पड़ता है। जबकि दूसरी तरफ जब भी कोई रेल मंत्रालय या रेलवे बोर्ड या फिर अन्य वीवीआईपी-वीआईपी रेल मूवमेंट होता है तो पूरा स्थानीय रेल प्रशासन एक-एक करके सारी व्यवस्थाओं को हाथों पर रखे चलता है।
इसका ताजा उदाहरण, बुधवार देर रात राजधानी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला। रात के तकरीबन 11:30 बजे होंगे और प्लेटफार्म नंबर सात पर 13239 पटना-कोटा एक्सप्रेस टेÑन आकर खड़ी होती है। यहां पर गाड़ी लगते ही परीक्षार्थियों का हुजूम टेÑनों में जैसे-तैसे करके सवार होता है। दूसरे दिन उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा संचालित मंडी परिषद भर्ती परीक्षा का आयोजन होना था। वहीं देर रात बोगियों में भीड़ का आलम यह था कि क्या परीक्षार्थी और आम रेल यात्री…सब एकदूसरे के ऊपर जैसे चढ़े जा रहे थे।
इसी बोगी में यात्रा कर रहे लखनऊ निवासी एक परीक्षार्थी अंकित ने बताया कि आगरा सेंटर है और वहां पहुंचना है, अब यही गाड़ी मिली है, अभ्यर्थियों की इतनी अधिक भीड़ है मगर रेलवे ने कोई अतिरिक्त व्यवस्था नहीं की है। उक्त परीक्षार्थी का यह भी कहना रहा कि कल दिल्ली में होने वाले पीएम मोदी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने वाले सांसदों के सुविधाजनक रेल यात्रा के लिए पूरा मंडल रेल प्रशासन दिनभर लगा रहा। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि परीक्षार्थियों को ऐसी दिक्कतें होती हैं। वहीं रेलवे सूत्रों की मानें तो शपथ ग्रहण के मद्देनजर राजधानी स्थित उत्तर व पूर्वोत्तर मंडल रेल प्रशासन में इस कदर प्रेशर था कि वीआईपी कोटे की खास तौर पर मॉनीटरिंग की जाती रही ताकि किसी भी सांसद का रेल कोटा नहीं कटने पाये।
वहीं हैरानी तो तब हुई जब परीक्षार्थियों को होने वाली इस असुविधा के बाबत गुरूवार को उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ला से बात की गई तो वो पहले खुद ही पूछने लगे कि…कौन सी परीक्षा अभी है जिसमें इस प्रकार की दिक्कत अभ्यर्थियों को हुई, हम तो समुचित व्यवस्था कराते रहते हैं। जबकि उपरोक्त घटना ठीक एक दिन पहले उसी चारबाग रेलवे स्टेशन की है, जहां पर सुबह से लेकर देर शाम तक उनकी अगुवाई में कॉमर्शियल अधिकारियों की टीम किलाबंदी टिकट चेकिंग अभियान में मशगूल रही। मगर इसी दिन शाम को इसी रेलवे स्टेशन से कितने परीक्षार्थियों का रेला रवाना होगा, इसको लेकर कोई सजगता नहीं दिखी।
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