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Tuesday 14 May 2019

फीमेल ऑर्गैज्म से जुड़ी उन 4 बातों के बारे में जो हर पुरुष को पता होनी चाहिए…

पार्टनर की जरूरतों को नहीं समझते पुरुष
सेक्सॉल्जिस्ट डॉ पवन सोनार कहते हैं कि भारत में पुरुष, सेक्स से जुड़ी जो सबसे बड़ी समस्या का सामना करते हैं वो यही है कि बहुत से पुरुषों को फीमेल ऑर्गैज्म के बारे में कुछ पता ही नहीं होता और वे समझने की कोशिश भी नहीं करते कि उनकी पार्टनर की भी अपनी जरूरतें हैं और उसका भी ऑर्गैज्म फील करना उतना ही जरूरी है जितना आपका। एक्सपर्ट्स की मानें तो मेनस्ट्रीम मीडिया, फिल्में और पॉर्न-पेनिट्रेटिव सेक्स पर इतना ज्यादा जोर देता है कि लोग बाकी सेक्शुअल प्लेजर्स की ओर ध्यान ही नहीं देते। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं फीमेल ऑर्गैज्म से जुड़ी उन 4 बातों के बारे में जो हर पुरुष को पता होनी चाहिए…

पार्टनर की बॉडी को समझें
सेक्शुऐलिटी एजुकेटर नियति एन शाह कहती हैं, ‘सेक्शुअल ऐक्ट में पुरुषों के लिए बेहद कम इमोशन जुड़ा होता है। वे या तो थोड़ा बहुत किस करते हैं, ब्रेस्ट छूते हैं और बस पेनिट्रेटिव सेक्स करने लग जाते हैं। वे फोरप्ले के लिए समय ही नहीं देते। महिलाओं को उत्तेजना महसूस होने में वक्त लगता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक महिला को सेक्स के मूड में आने में 3 से 15 मिनट का वक्त लगता है। पुरुष जैसे ही चरमउत्कर्ष पर पहुंचते हैं वे इजैक्युलेट कर देते हैं।’ महिलाएं मल्टीपल ऑर्गैज्म भी फील कर सकती हैं, अगर उन्हें सही तरीके से स्टिम्यूलेट किया जाए और यह तभी संभव होगा जब आप अपनी पत्नी के शरीर को समझ पाएंगे कि आखिर कौन सी चीज उन्हें उत्तेजना महसूस करवा सकती है।

 

 

ऑर्गैज्म का रास्ता कहां से शुरू होता है?
ऑर्गैज्म हासिल करने का एकमात्र तरीका पेनिट्रेटिव सेक्स नहीं है। फोरप्ले के दौरान आप फीमेल पार्टनर के शरीर के कई इरॉटिक जोन्स को उत्तेजित कर सकते हैं। जैसे- होंठ, गर्दन, कान, जांघ का अंदरूनी भाग, पेट आदि लेकिन इन सबमें क्लिटरल स्टिम्यूलेशन को ऑर्गैज्म हासिल करने का सबसे भरोसेमंद तरीका माना जाता है। क्लिटरस को स्टिम्यूलेट करने के लिए ऑरल सेक्स या फिर उंगलियों का इस्तेमाल कर सकते हैं। बेहद जरूरी है कि पुरुष सब्र रखें ताकि दोनों पार्टनर साथ में ऑर्गैज्म फील कर सकें। ज्यादातर पुरुष इरेक्शन को बरकरार नहीं रख पाते और इजैक्युलेट कर देते हैं जिससे फीमेल पार्टनर असंतुष्ट ही रह जाती हैं।

एक-दूसरे से बात करें
पुरुषों के लिए सेक्स का मतलब जुड़ाव नहीं होता लेकिन महिलाओं के लिए सेक्स काफी हद तक इमोशन्स से जुड़ा होता है। फीमेल पार्टनर संग इमोशनल बॉन्ड बनाकर उन्हें खुश रखना आपके लिए बेहद जरूरी है। बहुत से केसेज में पुरुष अपनी पार्टनर से यह पूछना तक जरूरी नहीं समझते कि ऐक्ट के बाद वह संतुष्ट हुई है या नहीं, उसे कोई दिक्कत तो नहीं हुई, उसने ऐक्ट को इंजॉय किया या नहीं। पुरुष ये मानकर चलते हैं कि चूंकि उन्होंने क्लाइमैक्स फील कर लिया तो पार्टनर ने भी कर लिया होगा। ऐसा करने की बजाए पार्टनर से उसकी पसंद नापसंद के बारे में बात करें। आपकी कौन सी छुअन उसे उत्तेजित करती है इस बारे में उससे बात करें।

पॉर्न को बेंचमार्क न बनाएं
पॉर्न को बेंच मार्क मानकर उसके हिसाब से अपनी सेक्शुअल लाइफ को न चलाएं। पॉर्न मुख्यतौर पर वस्तुनिष्ठ और फेक होता है। हकीकत में महिलाएं सेक्स के दौरान कराह भी सकती हैं और नहीं भी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे उसे इंजॉय नहीं कर रही हैं। क्लिटरिस और निपल्स के अलावा भी वजाइना के अंदर कई स्पॉट्स होते हैं जिन्हें आप स्टिम्यूलेट कर पार्टनर को उत्तेजित कर सकते हैं लेकिन आप उनके बारे में तब तक नहीं जान पाएंगे जब तक आप एक्सप्लोर नहीं करेंगे। लिहाजा पॉर्न की जगह अपनी पार्टनर में टाइम इन्वेस्ट करें।

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