नई दिल्ली। मंगलवार को कोलकाता में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह रोड शो कर रहे थे। रोड शो के दौरान उन्होंने जय श्रीराम का उद्घोष किया और इसके साथ बीजेपी समर्थक ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ रहे थे। लेकिन विद्यासागर कॉलेज के पास पहुंचने के साथ ही हिंसा शुरू हो गई और कोलकाता की सड़क तांडव का गवाह बन गई। मामला आगे बढ़ा और बयानबाजी का दौर शुरू हुआ। लेकिन पूरे मामले को समझने के लिए ये जानना जरूरी है कि सड़क पर तांडव के बाद क्या हुआ।
अमित शाह के रोड शो में बीजेपी कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर था। लेकिन कुछ किमी की दूरी तय करने के बाद माहौल गरमा गया। सड़क पर एकाएक पत्थरबाजी और आगजनी का दौर शुरू हो चुका था। सुरक्षा कारणों से अमित शाह को अपना रोड शो रोकना पड़ा और उन्हें सुरक्षाकर्मियों मे महफूज जगह पर पहुंचाया। लेकिन हिंसा की खबर आग की तरह फैली और उसकी गूंज कोलकाता से करीब 1500 किमी दूर दिल्ली में सुनाई दी। बीजेपी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला और पूरे मामले की जानकारी दी। इसके साथ ही बीजेपी ने बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर के साथ साथ कोलकाता में भी प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
टीएमसी और बीजेपी के कार्यकर्ता हिंसा के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के गुंडों को बीजेपी की ताकत रास नहीं आई और वो हंगामा पर उतर आए। लेकिन इसके ठीक उलट टीएमसी का कुछ और ही कहना है। टीएमसी की नजरों में सब कुछ बीजेपी का ही किया धरा है। इन सबके बीच महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने चुनाव आयोग से दखल देने की मांग की। उन्होंने कहा कि मंगलवार को कोलकाता की सड़कों पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान जो कुछ भी हुआ वो लोकतंत्र की हत्या है।
कोलकाता में विद्यासागर कॉलेज का पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने दौरा किया और कहा कि टीएमसी को बदनाम करने की नीयत से बीजेपी के ही लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है। लेकिन वो किसी से डरने वाली नहीं हैं। वो पूरे मामले की जांच कराएंगी और जो लोग जिम्मेदार होंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
टीएमसी के सांसद डेरेक ओ ब्रायन का कुछ और ही कहना है। वो कहते हैं कि बीजेपी के हताश कार्यकर्ताओं और गुंडों ने कॉलेज के अंदर ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति को तोड़ दिया और ये सब प्युकवर्दी शाह की मौजूदगी में हुआ। वो बीजेपी के लोगों से सवाल पूछते हैं कि आखिर वो बंगाल के बारे में कितना जानते हैं। बंगाल के समृद्ध इतिहास और संस्कृति के बारे में किसी तरह की जानकारी नहीं है।
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