क्या आप मूवी देखने के लिए इंटरनेट से टिकट बुक कराते हैं? अगर हां तो जान लें कि यह ज्यादा खर्चीला है। मूवी का ऑनलाइन टिकट बुक कराने पर आप से सुविधा शुल्क (कंवीनियंस फीस) या इंटरनेट हैंडलिंग फीस के रूप में अतिरिक्त पैसे वसूले जाते हैं। फिर भले ही यह काम आप सिनेमा हॉल की वेबसाइट के जरिए करें या टिकट बुकिंग ऐप के माध्यम से।
मामले से जुड़े लोग बताते हैं, “बुकमाईशो जैसे पोर्टल के जरिए बुक कराए जाने वाले हर एक टिकट पर कंवीनियंस फीस पोर्टल ही तय करते हैं। यह फीस मूवी टिकट की दरों पर निर्भर करती है। मूवी टिकट के लिए उनके पास दो-तीन प्राइस रेंज होती हैं। इसी आधार पर कंवीनियंस फीस वसूली जाती है.”
हाल में इस बारे में हैदराबाद स्थित फोरम अनेन्स्ट करप्शन ने RTI दाखिल की। इसमें पूछा गया था कि क्या BookMyShow इंटरनेट यूसेज फीस के नाम पर ग्राहकों से स्पेशल चार्ज वसूलने के लिए अधिकृत है। RBI ने इसके जवाब में बताया कि BookMyShow को इस तरह का कोई अधिकार नहीं दिया गया है। हालांकि, फिल्में देखने के शौकीन अब भी ऑनलाइन टिकट बुक कराने के लिए अतिरिक्त फीस दे रहे हैं।
RBI से प्रतिक्रिया मिलने के बाद फोरम अगेंस्ट करप्शन ने कंज्यूमर कोर्ट में BookMyShow, PVR और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के IT विभाग के खिलाफ याचिका दाखिल की। मामले पर 23 मार्च को सुनवाई शुरू हुई। जहां BookMyShow और PVR की लीगल टीम ने अपने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। वहीं, मंत्रालय से सुनवाई में कोई नहीं पहुंचा। सुनवाई की अगली तारीख 30 अप्रैल है।
BookMyShow ने अपना रुख कायम रखा है. उसने कहा है कि यह सेवा मुहैया कराने के लिए वह अतिरिक्त फीस वसूलने की हकदार है। जबकि आरबीआई कहता है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर मर्चेंट्स को यह फीस बैंकों को देनी है।
चुप हैं सिनेमा और ऑनलाइन टिकट बुकिंग पोर्टल
कंवीनियंस फीस के बारे में पूछने पर BookMyShow के प्रवक्ता ने कहा कि वह इस मामले में कुछ भी नहीं बोल सकते हैं। कारण है कि यह मामला कोर्ट में लंबित है। PVR, Wave और Cinepolis से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। INOX और Carnival Cinemas ने इस मसले पर कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया।
बैंकों को दी जाने वाली फीस वसूल रहे हैं मर्चेंट RBI का जवाब यह भी कहता है कि इंटरनेट यूसेज फीस केंद्रीय बैंक के मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) के नियमों का उल्लंघन है। MDR पेमेंट गेटवे फीस है जो मर्चेंट बैंकों को देते हैं। डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए ग्राहकों के भुगतान स्वीकार करने के लिए यह फीस ली जाती है। RBI का कहना है कि मर्चेंट्स को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए बैंकों को हर हाल में फीस देना है। लेकिन, यह शुल्क सिनेमा जाने वालों से ‘कंवीनियंस फीस’ के तौर पर वसूला जा रहा है।
कंवीनियंस फीस हमारी रोजी-रोटी: Bookmyshow इंडियन कंज्यूमर कंप्लेंट फोरम पर इंटरनेट हैंडलिंग फीस चार्ज करने के लिए सिनेमा हॉल और बुकमाईशो के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हैं। वैसे तो इनमें से ज्यादातर सवालों को फोरम के ‘रिजॉल्व्ड क्वेरीज’ सेक्शन में डाला गया है। लेकिन, इन्हीं में से एक सवाल के जवाब में Bookmyshow ने कहा है कि इंटरनेट हैंडलिंग फीस सर्विस चार्ज है। ग्राहकों को घर बैठे टिकट बुक कराने की सुविधा के बदले इसे दिया जाता है। यह फीस हमारी रोजी-रोटी है। इसी से हम पैसा बनाते हैं।
कंवीनियंस फीस नहीं देना चाहते हैं? काउंटर से टिकट लें: Exhibitor फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (FFI) के प्रोड्यूसर व प्रेसिडेंट फिरदौस उल हसन सवाल उठाते हैं कि आखिर ग्राहक इस्तेमाल की जाने वाली सेवा के लिए क्यों भुगतान करने के इच्छुक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म का प्रदर्शन करने वाले Exhibitor केवल ऑनलाइन टिकट बुक कराने का विकल्प दे रहे हैं। क्या वसूली जा रही फीस अनाप-शनाप है? क्या ऑनलाइन टिकट बुक कराने में अड़चन आ रही है? वे केवल उस सेवा की फीस ले रहे हैं जो लोगों को मुहैया कराई जा रही है।
No comments:
Post a Comment