*पूर्व मंत्री मनोज पांडेय का आरोप- प्रशासन के बूते सरकार कर रही गुंडई
*कभी काग्रेसी प्यादे रहे दिनेश से हाथ को मिल रही मात
अशोक सिंह विद्रोही/ कर्मबीर त्रिपाठी
आम चुनाव के अंतिम दौर से ठीक पहले बीआईपी क्षेत्र रायबरेली में जिला पंचायत अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में वोटिंग से पूर्व हिंसा व दबंगई का मामला सामने आया है। रायबरेली से कांग्रेस विधायिका आदिति सिंह के काफिले पर दबंगों ने पीछा कर हमला कर दिया। हमले में अदिति सिंह की कार समेत काफिले में शामिल 3 अन्य कारें भी पलट गई। जिसमें अदिति सिंह सहित कई नेताओं को चोटे आई है। विधायिका के पिता व पूर्व कांग्रेसी विधायक अखिलेश सिंह, सपा के पूर्व मंत्री मनोज पांडे सहित जिले के वरिष्ठ नेता जिला प्रशासन तथा सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे हैं । समाचार लिखे जाने तक घायलों का इलाज रायबरेली में चल रहा था। गौरतलब है कि बीते 6 मई को पांचवें चरण के अंतर्गत रायबरेली का चुनाव संपन्न हुआ है। जिसमें कभी कांग्रेस के वफादार प्यादे रहे दिनेश प्रताप सिंह ने भाजपाई साथ के साथ सोनिया गांधी के कांग्रेसी हाथ से बगावत कर दी। बीते मंगलवार को जिला पंचायत अध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उसी बगावत की गूंज एक बार फिर सुनाई दी है। वफादार से बागी बन सोनिया गांधी के खिलाफ बीजेपी से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे दिनेश प्रताप सिंह के भाई अवधेश प्रताप सिंह मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। जिनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के तहत मंगलवार को वोटिंग की जानी थी। वोटिंग से ठीक पहले हुए जानलेवा हमले को लेकर सूत्रों का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह को सरकार व स्थानीय प्रशासन का खुला समर्थन हासिल है। इसी सह पर उनके द्वारा विपक्षी दलों के जिला पंचायत सदस्यों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि जिला पंचायत अध्यक्ष कांग्रेस सदर विधायक की गाड़ी पर हुई फायरिंग से गाड़ी का नियंत्रण टूट गया और गाड़ी पलट गई। स्थानीय निवासी और कांग्रेस नेता प्रहलाद मिश्र कहते हैं कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए होने वाले वोटिंग के कारण सत्तासीन पार्टी दबंगई कर रही है। वह कहते हैं कि यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
जिले में वायरल हो रहे एक ऑडियो में एक जिला पंचायत सदस्य एसपी सुनील कुमार सिंह से यह शिकायत कर रहा है कि बीते दिनों से स्थानीय पुलिस के लोग घर पर जाकर मां-बहन की गालियों के साथ-साथ पूरे परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं। अपनी व्यथा बताते-बताते वह फफक पड़ता है, लेकिन एसपी उसके पक्ष में कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की संरक्षक सोनिया गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में ताल ठोंकने वाले दिनेश प्रताप सिंह अपने भाई अवधेश प्रताप सिंह की कुर्सी के लिए दबंगई कर रहे हैं। वह नहीं चाहते हैं कि किसी भी कीमत पर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो और उनकी कुर्सी जाए। सपा के पूर्व मंत्री मनोज पांडेय कहते हैं कि यदि सुरक्षा को लेकर जिला पंचायत सदस्य राकेश अवस्थी की गुहार एसपी ने सुनी होती तो आज इस तरह की घटना नहीं हो पाती। बछरावा टोल पर हुई घटना के बाद पुलिस का असली चेहरा सामने आ गया। हालांकि यह घटना सीसीटीवी में कैद है और पुलिस पूरी डिटेल्स खंगालने में जुटी हुई है।
इस घटना के खिलाफ रायबरेली में धरने पर बैठे समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री कहते हैं कि वर्तमान सरकार लोकतंत्र की हत्या कर देना चाह रही है। इस तरह की घटनाएं रायबरेली जिले में कभी नहीं हुई थीं, लेकिन सरकार की शह पर कुछ लोग मरने—मारने पर आमादा हैं, उन्हें सरकारी मशीनरी भरपूर मदद कर रही है। वह साफ लहजे में कहते हैं कि इस घटना में सांसद उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह और उनके भाई अवधेश प्रताप सिंह का हाथ है। साथ में बैठे विधायक रामलाल कहते हैं कि दिनेश सिंह के गुंडों ने मुझे भी घेरने की कोशिश की है। उनके लोगों के पास गुंडागर्दी का लाइसेंस हैं। वह लोकतंत्र को मार देना चाहते हैं। लोकतंत्र की रक्षा के लिए हम लोग धरने पर बैठे हैं। वह कहते हैं कि न डीएम सुन रहा हैं और न एसपी सुनने का प्रयास कर रहा है। सब लखनऊ के आदेश पर कुछ भी कर रहे हैं।
खबरों की मानें तो रायबरेली जिले में मंगलवार सुबह हरचंदपुर थाना क्षेत्र के मोदी स्कूल के पास रायबरेली सदर की कांग्रेस विधायक अदिति सिंह की गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। जानकारी के मुताबिक कुछ दबंग उन पर हमला करना चाह रहे थे। आज जिला मुख्यालय पर अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना है। इसके लिए लखनऊ से जिला पंचायत सदस्य राकेश अवस्थी और सदर विधायक अदिति सिंह अपनी-अपनी गाड़ी से आ रहे थे। सूत्रों का दावा है कि बछरावा टोल के पास राकेश अवस्थी की गाड़ी दबंगों ने रोक ली और हमला बोला दिया और विधायक की गाड़ी का पीछा किया गया। हमले की आशंका देख ड्राइवर ने गाड़ी की रफ्तार बढ़ा दी और हरचंदपुर क्षेत्र के मोदी स्कूल के पास उनकी गाड़ी पलट गई। इस घटना में सदर विधायक को चोटें आई हैं। उन्हें जिला अस्पताल से लखनऊ रेफर कर दिया गया है। इस घटना से जिले भर में तनाव का माहौल बना हुआ है।
क्या है पूरा मामला
बताते चलें कि पिछले माह सपा के जिला सचिव एवं जिला पंचायत सदस्य चंद्रराज पटेल के नेतृत्व में 30 जिला पंचायत सदस्यों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम नेहा शर्मा को ज्ञापन देकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने जांच की प्रक्रिया तुरंत शुरू करा दी है। जिला पंचायत सदस्यों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर अध्यक्ष पर कई आरोप जड़े थे और आरोप मढ़ा था कि बैठकों में समय से उन्हें सूचना न देकर मनमाने तरीके से बैठक करके भ्रष्टाचार का प्रयास किया जाता है। 30 सदस्यों ने डीएम के सामने पेश होकर अविश्वास की गुहार लगाई। वहीं जिला पंचायत सदस्य सर्वेश कुमारी ने आरोप लगाया था कि उसके साथ मारपीट कर फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिला पंचायत सदस्य राजेंद्र पासी ने भी धमकाने का आरोप लगाया था। तब जिलाधिकारी नेहा शर्मा को ज्ञापन देने सदस्यों की भारी-भरकम टीम गई थी, जिसमें प्रभात साहू, वीरेंद्र यादव, अनुज सिंह, रामबरन, शेरा लोधी, राजेंद्र कुमार, शेर बहादुर, राम लौटन, राधेश्याम, जितेंद्र कुमार, मो. इस्माइल, चंद्रिका प्रसाद, राकेश कुमार, अमित कुमार, किशन लाल, छोटेलाल, रानी, उमाकांती, कुमोदिनी देवी, प्रतिभा सिंह, गीता, कमला, निर्मला देवी, गीता गिरी, दयावती, सुनीता, कर्मा देवी शामिल थे।
कई दिनों से दोनों पक्षों में चल रहा था जंग
जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ आज होने वाले मतदान को लेकर दोनों पक्षों की ओर से मुकदमों का दौर शुरू हो गया है। हरचंदपुर के जिला पंचायत सदस्य ने रोहनिया के जिला पंचायत सदस्य पर प्रस्ताव का समर्थन करने का दबाव बनाने के लिए जानलेवा हमला, लूट व दलित उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया गया है। कुछ दिनों पहले हरचंदपुर के गांव महगवा निवासी जिला पंचायत सदस्य राम प्रकाश का आरोप लगाया था कि वह सात मई को अपने व्यावसायिक कार्य से रोहनिया ब्लाक के उसरैना चौराहा आए थे। वहां पर रोहनिया ब्लाक के जिला पंचायत सदस्य श्रीराम पाल मिले। आरोप है कि उन्होने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने को पांच लाख रुपये का लालच दिया, लेकिन उसने अध्यक्ष का साथ देने को कहा। जिस पर श्रीराम ने अपने दो साथियों के साथ उस पर हमला कर दिया। साथ ही तमंचे से उन पर फायर किया गया। हालांकि वह बाल-बाल बच गया। यह भी आरोप है कि उन लोगों ने उसकी सोने की चेन छीन ली। इस मामले की प्राथमिकी कोतवाली में दर्ज की गई है।
उधर आरोपित जिला पंचायत सदस्य का कहना है कि लोकसभा चुनाव में उन्होने कांग्रेस का साथ दिया है और जिला पंचायत अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में है। इसलिए सत्ता के दबाव में उन्हें परेशान किया जा रहा है और झूठा मुकदमा लिखाया गया है। वहीं सीओ विनीत सिंह का कहना है कि प्राथमिकी दर्ज कराना मौलिक अधिकार है, मुकदमे की विवेचना की जारी है। साक्ष्य मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं दिनेश सिंहः वहीं बीजेपी के सांसद उम्मीदवार दिनेश सिंह का कहना था कि इस तरह का कृत्य करके सदस्य केवल दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं। तब उन्होंने कहा था कि अवधेश सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष हैं और कार्यकाल पूरा करेंगे। विरोधियों की हर साजिश को नाकाम करने के लिए वह काफी हैं।
मीडिया से झूठ बोलते रहे आईजीः लखनऊ रेंज के आईजी एसके भगत ने मीडिया को आज जमकर गुमराह किया। उन्होंने कई पत्रकारों को बताया कि वह कमिश्नर के साथ मौका-ए-वारदात पर मौजूद हैं, वहीं कुछ मीडियाकर्मियों को वह लखनऊ मुख्यालय से मॉनीटरिंग करने की बात कही। जब कई चैनलों पर इस तरह की खबरें चलने लगीं तो आईजी ने सही बात बताई।
कौन हैं अदिति: बताते चलें कि कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में अदिति सिंह निर्दलीय विधायक रहे बाहुबली अखिलेश सिंह की पुत्री हैं। साल 2017 में उन्होंने करीब एक लाख मतों से जीत दर्ज की थी। बता दें कि 29 वर्षीय विधायक अदिति को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता है।
ये है मामला
रायबरेली के जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह, कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले दिनेश सिंह के सगे भाई हैं। हाल ही में कई जिला पंचायत सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र दिया गया। लेकिन जिलाधिकारी ने मामले को संज्ञान नहीं लिया। इस पर सदस्यों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने सीजेएम की निगरानी में मतदान कराने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में जिलाधिकारी ने 14 मई को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान की तारीखतय की थी।
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