ब्लैक मार्केटिंग के लिए पटना जिले के मनेर, बिहटा, बिक्रम, दुल्हिनबाजार, पालीगंज में बालू का पहाड़ ,भोजपुर में कुछ ऐसा ही हाल
>> मामले की जांच कराएंगे, अवैध बालू स्टॉक होगा जब्त – जिलाधिकारी
>> निरीक्षण के दौरान डीएसपी ने पाया था भारी मात्रा में बालू स्टॉक ,किसी ने नहीं दिखाया लाइसेंस
>> ब्रॉडसन कंपनी से मांगी गयी हैं सूची ,खान निरीक्षक के रिपोर्ट का इंतजार – जिला खनन पदाधिकारी
>> एक स्टॉक से दूसरे स्टॉक की दूरी 0.5 किलोमीटर अनिवार्य
रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं ) । बालू के ब्लैक मार्केटिंग के लिए सारी तैयारियां बालू माफिया कर लिये हैं ।बिना लाइसेंस के एक माह पूर्व से ही सोन नदी में अवैध खनन कर बालू स्टॉक के नाम पर पटना और भोजपुर जिले में बालू का पहाड़ खड़ा कर दिया गया हैं । आम लोगों को सबकुछ दिख रहा हैं ,यहीं नहीं पर्यावरण का नुकसान को लेकर ग्रामीणों ने शिकायतें की है तो समाजसेवियों ने भी सवाल खड़ा किया हैं लेकिन बालू माफियाओं के आगे सरकार अपंग बनी हुई हैं ! कागज पर लिखा -पढ़ी कर खानापूर्ति किया ,ऑन द स्पॉट पर कोई इंक्वायरी नहीं किया जाता ।
300 फीट के जगह 3 किलोमीटर तक अवैध स्टॉक
सोन तट बंद / खनन स्थल से 300 फीट की दूरी तक बालू स्टॉक करने के लिए ठेकेदार को किसी तरह का लाइसेंस की आवश्यकता नहीं हैं । लेकिन एक स्टॉक से दूसरे स्टॉक की दूरी का अंतर 0.5 किलोमीटर अनिवार्य हैं ।यह नियम एल लाइसेंस प्राप्त के लिए भी बाध्यकारी हैं । पटना जिले के मनेर, बिहटा, बिक्रम, दुल्हिनबाजार, पालीगंज ,रानीतलाब के दर्जनों जगहों पर 300 फीट की दूरी की कौन कहें लगातार 3 किलोमीटर तक अवैध बालू का स्टॉक कर बालू का पहाड़ खड़ा कर दिया गया हैं ।कुछ ऐसा ही हाल भोजपुर जिले में भी हैं । 300 फीट की दूरी में किया गया बालू स्टॉक ,ईसी एरिया में खनन के अवधि तक ही मान्य होगा ,यानी की 30 जून तक । नियमत: 30 जून के बाद बालू खनन पर रोक लागू हो जाता हैं ।
एल लाइसेंस पर 30 हजार घन मीटर बालू तक स्टॉक वैध
बालू स्टॉक करने के लिए एल लाइसेंस बहुत ही महत्वपूर्ण हैं । नदी तट से 10 किलोमीटर तक एल लाइसेंस ठेकेदार को मिलेगा । लाइसेंसधारी 30 हजार घन मीटर बालू स्टॉक कर रखेंगे । इससे अधिक रखने पर अवैध माना जाएगा ।उक्त एल लाइसेंस , जिला खनन पदाधिकारी द्वारा निर्गत किया जाएगा । जिस स्थान पर पूर्व से शिकायत रहेगा ,उसका निराकरण के बाद ही खनन विभाग लाइसेंस देने पर निर्णय लिया जाएगा । लाइसेंस की प्रक्रिया पूरा करने के लिए नवे वर्ष का रेव्नू रसीद ,एलपीसी और एग्रीमेंट पेपर अनिवार्य हैं । सुत्रों की मानें तो पटना जिले में मात्र 16 लाइसेंस निर्गत किया गया हैं । जबकि देखा जाएं तो सोन नदी के तट से 300 फीट की दूरी के बाद पटना जिले में दर्जनों जगहों पर बिना लाइसेंस के बालू का पहाड़ खड़ा हैं । जो खनन विभाग द्वारा जारी आदेश तिथि 28/01/19 का सीधा उल्लंघन हैं । ऐसे अवैध बालू स्टॉक के खिलाफ एफआईआर करने एवं दंड वसूली का प्रावधान हैं ।
जांच कर होगी कार्रवाई ,अवैध बालू स्टॉक होगा जब्त -जिलाधिकारी
जिले में अवैध बालू स्टॉक /बिना लाइसेंस के बालू स्टॉक करने वाले के खिलाफ पटना जिलाधिकारी कुमार रवि ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कहीं हैं । जिलाधिकारी ने कहां की जो भी नियमों के विपरीत बालू स्टॉक हैं उसको जब्त करने की कार्रवाई की जाएंगी । इसको लेकर अनुमंडल और अंचल से रिपोर्ट मांगी जा रही हैं ।
डीएसपी के निरीक्षण में नहीं मिला बालू स्टॉक लाइसेंस
खबर प्रकाशित होने एवं मिल रही शिकायतें एवं वरीय अधिकारियों के निर्देश के आलोक में बीते एक सप्ताह पहले पालीहंज डीएसपी मनोज कुमार पांडे ने रानीतलाब और पालीगंज क्षेत्रों में हो रहे अवैध बालू स्टॉक की जांच की गयी थीं । डीएसपी ने उक्त स्टॉक से संबंधित लाइसेंस और कागजात की मांग की तो किसी के पास कोई जबाब नहीं था। डीएसपी मनोज कुमार पांडे ने अवैध बालू स्टॉक करने से संबंधित एक रिपोर्ट पटना के एसएसपी एवं जिलाधिकारी को किये हैं । जिसमें दर्जनों अवैध बालू स्टॉक का नाम हैं । जिला खनन पदाधिकारी ने 20 मई बाद करीब 16 एल लाइसेंस जारी किया हैं ।
ब्रॉडसन से मांगी गयी हैं रिपोर्ट – जिला खनन पदाधिकारी
जिला खनन पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया की अवैध बालू स्टॉक करने से संबंधित शिकायतें पर खान निरीक्षक से जांच कर रिपोर्ट मांगी गयी हैं । इसके साथ ही ब्रॉडसन कंपनी से सूची मांगी गयी हैं की जिले में कुल कितना बालू स्टॉक हैं और स्टॉक का क्या प्रकार हैं । जिला खनन पदाधिकारी ने कहां की सारे नियम निर्धारित हैं ,इसके तहत जरूरी कार्रवाई की जाएंगी ।
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