नई दिल्ली। घर के लिए अपनी जमा-पूंजी बिल्डर को देने बावजूद तय समय में पजेशन न पाने वाले लाखों ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने अपने एक फैसले में कहा है कि अगर तय समय से फ्लैट मिलने में एक साल से अधिक की देरी होती है तो ग्राहक बिल्डर से पैसे वापस करने को कह सकता है। इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि बिल्डर अनिश्चित काल तक ग्राहकों को फ्लैट के पजेशन के लिए इंतजार नहीं करवा सकते। हालांकि, अभी तक समयसीमा तय नहीं थी कि पजेशन में कितना विलंब होने पर ग्राहक बिल्डर से अपने पैसे वापस मांग सकता है। अब NCDRC ने इसकी भी समयसीमा तय कर दी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में NCDRC के अधिकारियों के हवाले से कहा है कि अब फ्लैट के पजेशन की समयसीमा तय हो चुकी है। अगर पजेशन में बिल्डर द्वारा बताए गए समय से एक साल से अधिक की देरी होती है तो ग्राहक बिल्डर से अपने पैसे वापस मांग सकता है।
शलभ निगम नाम के एक ग्राहक ने गुड़गांव के गीनपोलिस प्रोजेक्ट में एक फ्लैट खरीदा था। लगभग एक करोड़ रुपये की कीमत के इस घर के लिए निगम 90 लाख रुपये तक का भुगतान कर चुके थे। बिल्डर के साथ हुए एग्रीमेंट के अनुसार, उन्हें यह फ्लैट 36 महीने में मिल जाना चाहिए था इसके बाद 6 महीने का ग्रेस पीरियड चल रहा था। इस मामले को लेकर वह NCDRC गए। NCDRC ने कहा कि तय समयसीमा में ग्राहक को फ्लैट का पजेशन नहीं देने पर बिल्डर को 10 फीसद ब्याज के साथ पूरी राशि लौटानी होगी।
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