लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के सख्त निर्देशों के बाद पुलिस महकमे ने अक्षम पुलिस कर्मियों को जबरन रिटायरमेंट देना शुरू कर दिया है। डीजीपी मुख्यालय ने रेंज व जोन कार्यालयों और पुलिस इकाइयों से जबरन रिटायर किए गए कर्मचारियों की सूची हर हाल में 30 जून तक उपलब्ध कराने को कहा है।
सरकारी सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए स्क्रीनिंग शुरू करने के निर्देश पहले ही दे दिए गए थे। डीजीपी मुख्यालय में कार्यरत एडीजी स्थापना पीयूष आनंद ने पत्र भेजकर कहा है कि 31 मार्च 2019 को 50 वर्ष अथवा इससे अधिक की आयु पूरी कर रहे कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति के लिए स्क्रीनिंग की कार्यवाही नियमानुसार करा ली जाए।
साथ ही अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किए गए कर्मचारियों की सूचना जोन एवं मुख्यालय / इकाई स्तर पर संकलित कर निर्धारित प्रारूप में 30 जून तक प्रत्येक दशा में उपलब्ध कराया जाए। यह पत्र पुलिस की अलग-अलग इकाइयों की कमान संभाल रहे डीजीपी व एडीजी, सभी एडीजी जोन, सभी आईजी-डीआईजी रेंज व पीएसी जोन को भेजा गया है।
नियमों में ऐसी व्यवस्था है कि नियुक्ति प्राधिकारी किसी भी समय किसी सरकारी सेवक को (चाहे वह स्थाई हो या अस्थाई) नोटिस देकर बिना कोई कारण बताए उसके 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने के बाद रिटायर हो जाने की अपेक्षा कर सकते हैं। ऐसी नोटिस की अवधि तीन माह होगी। इसी नियम के तहत समय-समय पर शासनादेश जारी करके नियुक्ति प्राधिकारियों से अक्षम कर्मचारियों को चिह्नित करके रिटायर करने को कहा जाता रहा है। इसमें उन मामलों की स्क्रीनिंग एवं रिटायर करने का निर्णय शासन स्तर पर होता है, जिनमें नियुक्ति प्राधिकारी राज्यपाल होते हैं। ऐसे मामलों में शासन स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी बनी हुई है। कुछ मामलों में पुलिस मुख्यालय स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटी बनी हुई है।
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