धोखा देना मायाावती का काम, अखिलेश यादव का चरित्र किसी को धोखा देने वाला नहीं | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Monday 24 June 2019

धोखा देना मायाावती का काम, अखिलेश यादव का चरित्र किसी को धोखा देने वाला नहीं

लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय सचिव व मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का चरित्र किसी को धोखा देने वाला नहीं है। समाजवादी पार्टी ने बसपा सुप्रीमो मायावती के आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है।

उन्होंने कहा है कि सपा संविधान का सम्मान करने और समाजवादी विचारधारा पर चालने वाली पार्टी है। अखिलेश यादव ने कभी भी किसी पर कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की। सपा ने हमेशा बेहतर काम करने और सभी को साथ लेकर चलने का काम किया है। सपा ने बसपा के साथ गठबंधन धर्म पूरी ईमानदारी से निभाया। इसलिए धोखेबाजी का आरोप पूरी तरह से निराधार है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा से गठबंधन तोड़ने के बाद पहली बार अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा था कि अखिलेश नहीं चाहते थे कि लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों को अधिक टिकट दिए जाएं। उन्हें डर था कि इससे वोटों का ध्रुवीकरण होगा, जबकि वह चाहती थी कि अधिक टिकट दिए जाएं। उन्होंने इसके साथ ही कहा है कि बसपा कार्यकर्ता किसी मुद्दे पर धारना प्रदर्शन नहीं करेंगे।

मायावती ने रविवार को पार्टी मुख्यालय पर हुई अखिल भारतीय स्तर की बैठक में कहा कि गठबंधन के चुनाव हारने के बाद अखिलेश ने उन्हें फोन नहीं किया। सतीश मिश्रा ने उनसे कहा कि वे मुझे फोन कर लें, लेकिन फिर भी उन्होंने फोन नहीं किया। मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और मतगणना के दिन 23 तारीख को उन्हें फोन कर उनकी पत्नी डिंपल यादव और परिवार के अन्य लोगों के हारने पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि 3 जून को जब मैंने दिल्ली की मीटिंग में गठबंधन तोड़ने की बात कही तब अखिलेश ने सतीश चंद्र मिश्रा को फोन किया, लेकिन तब भी मुझसे बात नहीं की।

उन्होंने कहा कि अखिलेश ने सतीश चंद्र मिश्र से मुझे मैसेज भिजवाया कि मैं मुस्लिमों को टिकट न दूं, क्योंकि उससे और ध्रुवीकरण होगा। यह भी आरोप लगाया कि मुझे ताज कॉरिडोर केस में फंसाने में भाजपा के साथ मुलायम सिंह यादव का भी अहम रोल था। उन्होंने कहा कि अखिलेश की सरकार में गैर यादव और पिछड़ों के साथ नाइंसाफी हुई। इसलिए उन्होंने वोट नहीं दिया। उन्होंने कहा कि बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा को सलेमपुर सीट पर विधायक दल के नेता राम गोविंद चौधरी ने हराया, लेकिन अखिलेश ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि भितरघात होता रहा और अखिलेश ने भीतरघात करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की। अगर यादवों का पूरा वोट गठबंधन को मिलता तो बदायूं, फिरोजाबाद और कन्नौज जैसी सीटें सपा न हारती। इससे साफ है कि यादव का अधिकतर वोट भाजपा को ट्रांसफर हुआ।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad