खाने-पीने की चीजों में मिलावट आम है. चावल, दाल, गेहूं और दूध में मिलावट की खबरें तो अक्सर आ रही हैं. हालिया रिसर्च में सामने आया है कि नमक में भी मिलावट हो रही है. आईआईटी बॉम्बे ने एक हालिया रिसर्च में दावा किया है कि देश में बिक रहे कई ब्रांड के नमक में माइक्रो प्लास्टिक की मौजूदगी पाई गई है. ये माइक्रो प्लास्टिक प्लास्टिक के बहुत सूक्ष्म कण होते हैं. इनका आकार 5 मिलीलीटर से भी कम होता है.
पहला तरीका: नमक में वाइट स्टोन पाउडर मिला हो सकता है. इसकी जांच करने के लिए 1 चम्मच नमक 1 गिलास पानी में मिलाएं. अगर मिलावट होगी तो मिलावटी पदार्थ नीचे बैठ जाएगा और पानी का रंग सफेद हो जाएगा. नमक सही होगा तो पानी वैसे का वैसा लगेगा और गिलास की तली में कोई गंदगी नहीं मिलेगी.
दूसरा तरीका: मिट्टी या रेत मिला हो सकता है. नमक की कुछ मात्रा लेकर कांच की में पानी लेकर घोल लें. कुछ समय के लिए छोड़ दें. इसके बाद गिलास की तली में रेत या मिट्टी बैठ जाए तो समझ लें कि नमक में मिलावट है.
तीसरा तरीका: आजकल नमक में सफेद पत्थर का बुरादा मिलावट हो सकती है. जांच के लिए नमक को पानी में घोलें. शुध्द नमक पानी में घुल जाएगा. जबकि पत्थर का बुरादा\पाउडर नीचे तल पर बैठ जाएगा. इस गंदगी को आसानी से देखा जा सकता है.
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